2012 में यूपी विधानसभा चुनाव लड़ चुके अनूप खन्ना आखिर कैसे पहुंचे KBC, पढ़िये- पूरी स्टोरी
दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-29 स्थित गंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में दादी की रसोई चलती है। पिछले 5 साल से चल रही दादी की रसोई में नोएडा के समाजसेवी अनूप खन्ना सिर्फ 5 रुपये में थाली उपलब्ध कराते हैं।
नई दिल्ली/नोएडा [पारुल रांझा]। नोएडा में संचालिच और देश-विदेश में चर्चित 'दादी की रसोई' का नाम 20वीं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के लबों पर होगा। दरअसल, 'दादी की रसोई' के संचालक और नोएडा के समाजसेवी अनूप खन्ना शुक्रवार शाम को लोकप्रिय टीवी चैनल के कार्यक्रम 'कौन बनेगा करोड़पति' में अमिताभ बच्चन के साथ नजर आएंगे। 'दादी की रसोई' कर्मवीर एपिसोड के लिए चुना गया है। इस मौके पर अनूप खन्ना की मदद के लिए बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन भी मौजूद रहेंगीं। आइये जानते हैं 'दादी की रसोई' और इसके संचालक अनूप खन्ना के बारे में।
सिर्फ 5 रुपये में मिलता है भरपेट खाना
दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-29 स्थित गंगा शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में 'दादी की रसोई' चलती है। पिछले 5 साल से चल रही 'दादी की रसोई' में नोएडा के समाजसेवी अनूप खन्ना सिर्फ 5 रुपये में थाली उपलब्ध कराते हैं। खास बात यह है कि कोरोना संकट के बीच असामान्य हालात में किसी तरह गुजर-बसर कर रहे बहुत से परिवारों को रोटी व पेट की भूख मिटाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही थी। ऐसे विपरीत हालात में भी वे जरूरतमंदों को खाना खिलाने से पीछे नहीं हटे। वर्ष, 2012 में हुए बतौर निर्दलीय प्रत्याशी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ चुके अनूप खन्ना फिलहाल पूरी तरह समाजसेवा में रमे हुए हैं।
21 अगस्त 2015 को शुरू की 'दादी की रसोई'
दैनिक जागरण से बात करते हुए अनूप खन्ना ने बताया कि जब मां बहुत बीमार रहती थीं तो उन्हें खाने में हल्का भोजन यानी खिचड़ी-दलिया वगैरह ही देते थे। एक दिन उन्होंने खाते समय कहा कि तुम लोगों ने मेरे खाने में बहुत कटौती की है, इसलिए जितना बचाया है उसे जरूरतमंदों को खिलाना। उसी समय इसका नाम 'दादी की रसोई' दे दिया। 21 अगस्त 2015 को दादी की रसोई शुरू की थी। दैनिक जागरण ने प्रमुखता से दादी की रसोई की खबर प्रकाशित होने के बाद यह पूरे देश में यह वायरल हुई थी। इसके बाद से 5 रुपये में ही भरपेट भोजन मुहैया कराना शुरू कर दिया।
रोजाना दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच खिलाते हैं खाना
'दादी की रसोई' की खूबी यही है कि देसी घी के तड़के से हर दिन सिर्फ 5 रुपये में सैकड़ों लोगों को पेटभर भोजन कराते हैं। कम पैसे लेने की वजह सिर्फ यह है कि यहां भोजन करने वाले लोगों का स्वाभिमान बना रहे। हर तबके के व्यक्ति पांच रुपए देकर सम्मान से भोजन करते हैं। वही बात कपड़ों के लिए भी लागू है यहां जरूरतमंद लोग अपनी मनपसंद के कपड़े 10 रुपये देकर ले सकते हैं। वह रोजाना दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच खाना खिलाते हैं, इस दौरान अनूप खन्ना खुद भी मौजूद रहते हैं।
लॉकडाउन में जरूरतमंदों की मदद की
लॉकडाउन में जब उन्होंने रसोई को कुछ समय के लिए बंद कर दिया था। इसके बाद से अलग -अलग स्थानों पर जरूरतमंदों को राशन वितरण करते थे। वे शहर के जिन स्थानों में राशन बांटते थे, इसके साथ ही उस स्थान को सैनिटाइज भी किया करते थे। दादी की रसोई के द्वारा दी जा रही सेवाओं के बारे में जानने के बाद राष्ट्रपति के सेक्रेटरी ने प्रयासों की सराहना की। राष्ट्रपति भवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 20 अप्रैल 2020 को राष्ट्रपति के सेक्रेटरी संजय कोठारी ने कोरोना महामारी में जरूरतमंदों मदद के लिए दादी की रसोई की ओर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की थी। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में देश के पांच अलग-अलग राज्यों में गरीबों के लिए कार्य कर रही संस्थाओं के लोग शामिल थे। दादी की रसोई के संचालक अनूप खन्ना ने राष्ट्रपति के सेक्रेटरी संजय कोठारी को कोरोना में लॉकडाउन के चलते उनकी कार्ययोजना व मॉडल के बारे में जानकारी दी।
अनूप खन्ना ने बताया कि जब दादी की रसोई की शुरुआत हुई थी, उस समय केवल दाल चावल और अचार ही दिया जाता था। आज लोग बड़ी संख्या में जुड़ गए हैं वह सहयोग करते हैं तो लोगों को रोटी, फल, मिठाई, जूस, बिस्किट आदि भी दिया जाता है।
जानें- दादी की रसोई के बारे में
- यू ट्यूब पर 'दादी की रसोई' के पेज पर 20 करोड़ से भी ज्यादा व्यूज हैं।
- 21 अगस्त, 2015 को दादी की रसोई शुरू हुई थी।
- पिछले साल पांच जून को राष्ट्रपति ने बुलाकर सम्मानित किया।
- अब कौन बनेगा करोड़पति में बुलाया गया है।
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