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समोसा खाना है पसंद तो जरूर पढ़ें ये खबर, फिर तो ये जानकारी भी चाहेंगे आप

धनिया पत्ता, पुदीना, टमाटर और इमली से बनी खट्टी-मीठी चटनी के साथ। क्यों आ गया न मुंह में पानी। इस समोसे का स्वाद ही ऐसा है कि यहां लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 12:43 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 01:00 AM (IST)
समोसा खाना है पसंद तो जरूर पढ़ें ये खबर, फिर तो ये जानकारी भी चाहेंगे आप
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नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। समोसा...नाम लेते ही मुंह में मसालेदार आलू का चटपटा स्वाद घुलने लगता है। किसी को मटर के समोसे पसंद हैं तो कोई खोया समोसे का दीवाना है, पर कभी काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट और नारियल जैसे ड्राई फ्रूट्स के समोसे खाए हैं। वह भी धनिया पत्ता, पुदीना, टमाटर और इमली से बनी खट्टी-मीठी चटनी के साथ। क्यों आ गया न मुंह में पानी। इस समोसे का स्वाद ही ऐसा है कि यहां लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं। सिविल लाइंस स्थित उत्तम समोसा जंक्शन पर न तो आपको भव्य सजावट दिखेंगे, न नक्काशीदार टेबल-कुर्सियां, न एसी न पंखा फिर भी दूर से ही दुकान पर लोगों की लंबी कतारें दिख जाएंगी।

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20 साल पहले हुई शुरुआत

दुकानदार आकाश अग्रवाल कहते हैं कि मेरे पापा विनेश अग्रवाल के हाथों में जादू है। हमारा परिवार मूलरूप से उत्तर प्रदेश के शामली जिले का रहने वाला है। पिता जी 20 साल पहले नौकरी की तलाश में दिल्ली आ गए। यहां उन्होंने सबसे पहले हलवाई की दुकान खोली। जहां कई तरह की मिठाईयां मिलती थी। पिता जी मिठाइयां बनाने में पारंगत भी थे, क्योंकि उन्हें शामली स्थित हनुमान टिला मंदिर के बाहर एक पुश्तैनी दुकान संभालने का अनुभव था। यहां सिविल लाइंस में दुकान खुली तो ग्राहक भी आने लगे। लोगों को यहां की मिठाइयां पसंद आने लगीं। इस बीच 2002 में समोसे बेचने का ख्याल पिता जी के मन में आया, बस फिर क्या था, समोसे बेचने शुरू कर दिए। विनेश अग्रवाल कहते हैं कि उस समय 2 रुपये में एक समोसे बेचता था। लोग खट्टी-मीठी चटनी के साथ खाते थे। अब 25 रुपये का एक समोसा है फिर भी लोग चाव से खाते हैं क्योंकि स्वाद वही पुराने वाला आज भी बरकरार है।

मसाला है खास

काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट और नारियल से बना समोसा शाही समोसा के नाम से बेचा जाता है। इस खास समोसा को बनाने के लिए अग्रवाल परिवार मसाले घर पर ही तैयार करते हैं। और यही इसकी खासियत भी है। गर्मा- गरम समोसे के साथ धनिया पत्ता, पुदीना और टमाटर की खट्टी चटनी के अलावा इमली की मीठी चटनी परोसी जाती है, जिसे लोग चटखारे लेकर खाते हैं। विमल इस दुकान के पुराने ग्राहक हैं। वह कहते हैं कि दिल्ली में लगभग हर जगह समोसे मिलते हैं। कहीं भी खाइए, कुछ न कुछ कमी जरूर मिलती है। कोई तीखा बना देता है तो कहीं अंदर मसाला ठीक से नहीं भरा रहता है। लेकिन यहां ऐसा बिल्कुल नहीं है। हर चीज आपको परफेक्ट मिलती है। यही वजह है कि हम यहां समोसे खाने आते हैं।

राजनेताओं की पसंद

राजनीतिक गलियारे में भी यहां के समोसे काफी लोकप्रिय है। तभी तो दुकान पर आते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष की दूरियां मिट जाती हैं और राजनीति गलियारे में एक दूसरे का विरोध करने वाले भी यहां साथ मिलकर समोसे का सुस्वाद लेते हैं। आकाश कहते हैं कि यहां भाजपा से लेकर आम आदमी र्टी तक के नेता आते हैं। विजेंद्र गुप्ता, अमानतुल्ला खान, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, पार्षद अवतार सिंह, रोहिणी के विधायक समेत अन्य राजनेताओं को यहां का समोसा पसंद है।


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