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West Bengal Assembly Elections 2021: राजनीति में जाने की अटकलों पर जानें सौरभ गांगुली ने कैसे लगाया 'कवर ड्राइव'

West Bengal Assembly Elections 2021 राजनीति से संबंधित सवाल पूछे गए तो सौरभ गांगुली ने चुप्पी साध ली और स्टेडियम से बाहर चले गए। कुछ ही पलों बाद वह लौटे तो मीडिया ने फिर दादा की घेराबंदी कर ली लेकिन राजनीति में जाने को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 08:13 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 08:13 AM (IST)
West Bengal Assembly Elections 2021: राजनीति में जाने की अटकलों पर जानें सौरभ गांगुली ने कैसे लगाया 'कवर ड्राइव'
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरभ गांगुली की फाइल फोटो।

नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे ही भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं बीसीसीआइ अध्यक्ष सौरभ गांगुली के राजनीति में पदार्पण की अटकलें तेज होती जा रही हैं। पिछले कई दिनों से इस मसले को लेकर राजनीति का माहौल गरमाया हुआ है। रविवार को गांगुली और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ की मुलाकात के बाद सोमवार को गांगुली जेटली की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में पहुंचे तो चर्चाओं को बाजार और गर्म हो गया। दरअसल, इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी ने इन कयासों को बल दिया था। हालांकि, अटकलबाजी के बीच उठे सवालों के बाउंसर पर दादा बेहतरीन कवर ड्राइव खेल गए। उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल आपको मुलाकात के लिए बुलाते हैं, तो जाना ही चाहिए। उनके निमंत्रण पर ही मिलने गया था।

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सौरभ गांगुली ने अनावरण कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से शिष्टाचार भेंट भी की है। शाह के जाने के बाद सौरव गांगुली को मीडिया ने घेर लिया। पहले जेटली को लेकर बात की, लेकिन जैसे ही राजनीति से संबंधित सवाल पूछे गए तो सौरभ गांगुली ने चुप्पी साध ली और स्टेडियम से बाहर चले गए। कुछ ही पलों बाद वह लौटे तो मीडिया ने फिर दादा की घेराबंदी कर ली, लेकिन राजनीति में जाने को लेकर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और स्टेडियम से बाहर जाकर गाड़ी में बैठ गए। कुछ देर बाद वह स्टेडियम में आए तो एक बार फिर मीडिया कर्मियों ने उन्हें घेर लिया। सवाल एक ही था और दादा का जवाब भी चुप्पी ही थी। हालांकि, आखिर में सौरभ गांगुली ने इन सवालों पर कहा कि राज्यपाल के निमंत्रण पर जाना पड़ता है।

दिल्ली क्रिकेट के भीष्म पितामह हैं बिसन सिंह बेदी

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के अध्यक्ष रोहन जेटली ने कहा कि पूर्व भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी दिल्ली क्रिकेट के भीष्म पितामह हैं। इसलिए उनकी गुजारिश है कि वह स्टैंड से अपना नाम हटाने की मांग वापस ले लें। दरअसल, स्टेडियम में अरुण जेटली की प्रतिमा स्थापित किए जाने पर बिसन सिंह बेदी ने आपत्ति दर्ज कराई थी और अपना नाम स्टैंड से हटाने की मांग की थी। बिसन सिंह बेदी का तर्क है कि प्रतिमा किसी दिग्गज खिलाड़ी की स्थापित की जाए।

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