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School Reopening 2021 News: जानिये- दिल्ली में स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर क्या सोचते हैं माता-पिता

School Reopening 2021 News कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभिभावक नहीं चाहते हैं कि अभी स्कूल खोले जाएं। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना का संक्रमण अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और बच्चों के लिए तो अभी तक वैक्सीन नहीं आई है।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 21 Aug 2021 11:13 AM (IST)Updated: Sat, 21 Aug 2021 01:49 PM (IST)
School Reopening 2021 News: जानिये- दिल्ली में स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर क्या सोचते हैं माता-पिता
School Reopening 2021 News: जानिये- दिल्ली में स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर क्या सोचते हैं माता-पिता

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। देश की राजधानी दिल्ली में स्कूल खोले जाने की चर्चाओं के बीच अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर खासे आशंकित हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अभिभावक नहीं चाहते हैं कि अभी स्कूल खोले जाएं। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना का संक्रमण अभी तक पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है और बच्चों के लिए तो अभी तक वैक्सीन नहीं आई है। ऐसे में अगर बिना किसी अतिरिक्त सुरक्षा के स्कूल खोले गए तो ये बच्चों को खतरे में डालने जैसा होगा। अभिभावकों ने कहा कि देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। देशभर में 25 हजार से अधिक लोग रोजाना संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में सरकार स्कूल खोलने के निर्णय को लेकर जल्दबाजी न करे। अगर जल्दबाजी दिखाते हुए स्कूल खोले जाते हैं तो सबसे बड़ी चिंता होगी कि बच्चों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी कौन लेगा।

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वहीं, शिक्षा निदेशालय के संयुक्त शिक्षा निदेशक रामचंद्र सिंघारे ने कहा कि स्कूल खोले जाने को लेकर अभी अभिभावकों से सुझाव मांगे जा रहे हैं। अभिभावकों के सुझावों पर गौर किया जाएगा। यदि ये सुझाव सकारात्मक हुए तो मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाकर स्कूल खोले जाने का फैसला किया जाएगा।

सरकार ने स्कूल खोलने के लिए अभिभावकों से सुझाव तो मांग लिए, लेकिन स्कूल खोलने को लेकर क्या रणनीति बनाई गई है, कोरोना से बचाव के लिए क्या इंतजाम होंगे, इन सभी बातों को अभिभावकों से साझा नहीं किया गया है। मैं खुद जानना चाहता हूं कि शिक्षक छोटे-छोटे बच्चों से स्कूल में कोरोना के नियमों का पालन कैसे करवाएंगे। अगर कक्षा में एक भी बच्चा पाजिटिव निकलता है तो क्या कक्षा को या स्कूल को या स्कूल बस के सभी बच्चों को क्वारंटाइन किया जाएगा। -नितिन गुप्ता, अभिभावक

स्कूल बंद होने से बच्चों की शिक्षा पर असर पड़ा है पर शिक्षा के लिए बच्चों की जान जोखिम में डालने का निर्णय कोई भी अभिभावक नहीं लेगा। शिक्षा निदेशालय अगर स्कूल प्रबंधकों के दबाव में स्कूल खोलने का निर्णय लेता है तो छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य न करे और आफलाइन के साथ-साथ आनलाइन कक्षाओं को भी जारी रखे, जिससे बच्चों और अभिभावकों के बीच असुरक्षा की भावना उत्पन्न न हो। - दुर्गेश त्रिपाठी, अभिभावक

अभी केवल 10वीं से 12वीं तक के छात्रों को प्रायोगिक परीक्षाओं और प्रोजेक्ट कार्य के लिए स्कूल बुलाया जा रहा है। इन बच्चों को भी स्कूल बुलाने से पहले इनका टीकाकरण होना चाहिए था। सरकार जब तक सभी बच्चों का टीकाकरण नहीं करा देती तब तक स्कूल नहीं खोले जाने चाहिए। टीकाकरण के बाद भी बच्चों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन और सरकार की होनी चाहिए। -उमेश सिंधु, अभिभावक

सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी के लिए शपथ पत्र दे सरकार

ज्यादातर अभिभावक स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं है। फिर भी अगर दिल्ली में स्कूल खोले जाते हैं तो सरकार और स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी कोर्ट में शपथ पत्र देकर लेनी चाहिए। यह कहना है दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम का। उन्होंने कहा कि सरकार स्कूलों को अनिवार्य तौर पर सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को कोरोना के दोनों टीके लगने का प्रमाणपत्र भी स्कूल की वेबसाइट पर अपलोड करने को कहे। स्कूलों में कोरोना से सुरक्षा के लिए एक कमेटी गठित होनी चाहिए, जिसमें अभिभावक भी शामिल हों ताकि कमेटी समय-समय पर स्कूल का निरीक्षण कर सके। उन्होंने कहा कि सरकार एक आपातकालीन नंबर भी जारी करे और इस नंबर पर की गई शिकायत पर बिना कोई देरी किए कार्रवाई की जाए। साथ ही स्कूल में अगर कोरोना का एक भी मामला आता है तो स्कूल को तत्काल बंद कर दिया जाए।


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