जानिए क्या होता है टूलकिट, अचानक से क्यूं आया चर्चा में, किसान आंदोलन से क्या है नाता
दरअसल टूलकिट एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए इसमें विस्तृत सुझाव दिए गए होते हैं। आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले वॉलंटियर्स को इसमें दिशानिर्देश दिए जाते हैं।
नई दिल्ली, विनय तिवारी। दो दिन पहले पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के एक ट्वीट के बाद से एक शब्द टूलकिट (Toolkit) वायरल हो गया। अब हर कोई ये जानना चाह रहा है कि आखिर ये टूलकिट होता क्या है और कैसे काम करता है। खासकर वो लोग इसके बारे में अधिक जानना चाह रहे हैं, जो सोशल मीडिया पर एक्टिव तो रहते हैं मगर उन्होंने अभी तक इसके बारे में न तो सुना था, ना ही वो इसको इस्तेमाल करने के बारे में जानते थे।
क्या है टूलकिट?
दरअसल टूलकिट एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए इसमें विस्तृत सुझाव दिए गए होते हैं। आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले वॉलंटियर्स को इसमें दिशानिर्देश दिए जाते हैं। टूलकिट का पहली बार जिक्र अमेरिका में किया गया था।
(नोट- ग्रेटा के इस ट्वीट में समय और तारीख के ऊपर जो चीजें लिखी हुई हैं वो टूलकिट है। इसी पर क्लिक करने पर ये एक अलग फाइल खुलती है। ये उनके ट्वीट का एक स्क्रीन शॉट है। )
कब चर्चा में आया टूलकिट
आप को याद होगा कि अमेरिका में एक अश्वेत शख्स की हत्या कर दी गई और अमेरिका सुलग उठा था। उसी दौरान ब्लैक लाइफ मैटर नाम से आंदोलन भी अस्तित्व में आया, जिसे बाहरी मुल्कों के लोगों ने भी समर्थन दिया था उसी दौरान आंदोलन से जुड़े लोगों ने ही टूलकिट बनाया, जिसमें तरह-तरह की जानकारी थी। उदाहरण के लिए आंदोलन में किन जगहों पर जाएं या दूर रहें, सोशल मीडिया पर किस तरह से सक्रिय रह सकते हैं, किन हैशटैग के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जा सकती है। इसके साथ ही अगर पुलिस कोई कार्रवाई करती है तो उससे किस तरह से बचा जा सकता है।
इस वजह से अब यह स्पष्ट हो गया है कि टूलकिट वह डिजिटल हथियार है, जो सोशल मीडिया पर एक बड़े वर्ग पर किसी आंदोलन को हवा देने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को उसमें जोड़ने के लिए किया जाता है। टूलकिट में वो सभी चीजें मौजूद होती हैं, जो लोगों को अपनाने की सलाह दी जाती है, ताकि आंदोलन भी बढ़े और किसी तरह की कोई बड़ी कार्रवाई भी न हो सके।
ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट से चर्चा में आया टूलकिट
टूलकिट की शुरुआत चाइल्ड एक्टिविस्ट के तौर पर चर्चित रहीं ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) के ट्वीट से फिर से हो गई है। किसान आंदोलन के समर्थन में ग्रेटा ने एक ट्वीट किया और एक टूलकिट (toolkit) नाम का एक डॉक्यूमेंट शेयर किया। इसको देखकर सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हुआ। हंगामा होने के बाद ग्रेटा ने ये ट्वीट डिलीट कर दिया और दूसरा ट्वीट कर दूसरा टूलकिट डॉक्यूमेंट शेयर कर दिया। ग्रेटा द्वारा शेयर की गई इस टूलकिट में किसान आंदोलन के बारे में जानकारी जुटाने और आंदोलन का साथ कैसे करना है इसकी पूरी डिटेल दी गई थी।
भारत में चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन
इस टूलकिट में समझाया गया है कि कैसे भारत में चल रहे किसान आंदोलन के बारें जरूरी अपडेट लेने हैं? अगर कोई यूजर किसान आंदोलन पर ट्वीट कर रहा है तो उसे कौन-सा हैशटैग लगाना हैं? अगर कोई दिक्कत आए तो किन लोगों से बात करनी है? ट्वीट करते वक्त क्या करना जरूरी है? क्या करने से बचना है? ये सारी बातें इस टूलकिट में मौजूद थीं।
टूलकिट ट्वीट किया फिर डिलीट कर दिया
ग्रेटा ने बुधवार को किसानों की परेशानी को लेकर बात करने वाला ट्वीट किया। इसे लेकर भारत में काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई। इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने एक ऐसा डॉक्युमेंट भी ट्विटर पर शेयर कर दिया, जिसमें किसानों को लेकर सोशल मीडिया पर कैसे समर्थन जुटाया जाए उसके बारे में जानकारी दी गई थी। इसमें पूरे प्लान के तहत 4 फरवरी और 5 फरवरी को किए गए ट्वीट में सेलेब्रिटी ट्वीट की बात लिखी गई। साथ ही उन सभी हैशटैग का वर्णन भी है, जिन्हें इस्तेमाल किया जाना है।