मिड-डे-मील के नाम पर बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़, फेल पाए गए 24 फीसद नमूने
मिड-डे-मील की गुणवत्ता सवालों के घेरे में आ गई है। मिड-डे-मील के तहत बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की पौष्टिकता की जांच के लिए उसके नमूने प्रयोगशाला में भेजे गए थे। इनमें से 24 फीसद फेल पाए गए।
नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में मिड-डे-मील के नाम पर बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। मिड-डे-मील की गुणवत्ता सवालों के घेरे में आ गई है। मिड-डे-मील के तहत बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की पौष्टिकता की जांच के लिए उसके नमूने प्रयोगशाला में भेजे गए थे। इनमें से 24 फीसद फेल पाए गए। इस बाबत निगम आयुक्त मधुप ब्यास से पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
48 नमूने फेल पाए गए
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि निगम के 717 स्कूलों में 3,28,495 बच्चे पढ़ते हैं। इन बच्चों को प्रतिदिन मिड-डे-मील दिया जाता है। 2016-17 में भोजन की पौष्टिकता जांचने के लिए मिड-डे-मील के 204 नमूने प्रयोगशाला में भेजे गए थे, जिनमें सें 48 फेल पाए गए हैं।
एनजीओ पर कार्रवाई
इनमें प्रोटीन और कैलोरी की मात्रा, तय मात्रा से काफी कम पाई गई। रिपोर्ट आने के बाद से ही निगम में हड़कंप मचा हुआ है। बकौल अधिकारी जिन स्कूलों के मिड-डे-मील के नमूने फेल पाए गए हैं, वहां मिड-डे-मील देने वाले एनजीओ पर कार्रवाई की जाएगी।
मिड-डे-मील का मेन्यु
-पूड़ी और आलू सब्जी
-पूड़ी और छोले
-सूजी का हलवा और काले चने की सब्जी
-चावल और छोले
-चावल और राजमा
-चावल, दाल, सांभर, सब्जियों संग
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