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हवन के बाद भी शांत नहीं हुआ साइको किलर का दिमाग, पुरोहित को लगाई थी फटकार

दीपावली के आसपास नरेश पुरोहित के पास आया था। घर में शांति के लिए हवन कराने के लिए कहा था। उसने जब समय न होने की बात कही थी, तो गुस्सा भी हुआ था।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 09 Jan 2018 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jan 2018 10:13 PM (IST)
हवन के बाद भी शांत नहीं हुआ साइको किलर का दिमाग, पुरोहित को लगाई थी फटकार
हवन के बाद भी शांत नहीं हुआ साइको किलर का दिमाग, पुरोहित को लगाई थी फटकार

पलवल [जेएनएन]। छह हत्याएं कर शहर को दहलाने वाला सनकी हत्यारा खुद की शांति के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा था। जानकार सूत्र बताते हैं कि इसके लिए वह कर्मकांड करने सहित हवन यज्ञ भी कराया करता था। दीपावली के बाद जब उसकी पत्नी सीमा छोड़ कर चली गई थी, तो आरोपी ने घर की शांति के लिए हवन भी कराया था। हवन के बाद भी जब उसका दिमाग शांत नही हुआ, तो उसने पंडित को भी भला-बुरा कहा था।

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हवन में परिजनों ने लिया हिस्सा 

नरेश के जानने वालों के अनुसार उसने ओमेक्स में गृह प्रवेश से पूर्व सनातन विधि से हवन कराया था। हवन करने वाले पुरोहित निर्मल पांडे के अनुसार उसे नरेश की सास बुलाकर ले गई थी, तथा हवन-पूजा में नरेश के ससुराल पक्ष व उसके परिजनों ने हिस्सा लिया था। पुरोहित के अनुसार पूरे विधि-विधान से नरेश ने हवन कराया था, तथा दिल खोलकर दक्षिणा भी दी थी। 

पंडित से जताई नाराजगी 

पुरोहित के मुताबिक नरेश बाद में भी उसके पास आता-जाता रहता था। दीपावली के आसपास भी वह उसके पास आया था तथा घर में शांति के लिए हवन कराने के लिए कहा था। उसने जब समय न होने की बात कही थी, तो गुस्सा भी हुआ था। बाद में पता चला कि नरेश ने किसी और पुरोहित से हवन कराया था, लेकिन उसका प्रभाव उस पर नहीं पड़ा और बाद में चलकर उसने छह हत्याओं को अंजाम दिया।

सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में भर्ती

बता दें कि सीरियल हत्याकांड को अंजाम देने वाला शख्स नरेश धनखड़ वर्ष 1999 में सेना में लेफ्टिनेंट के रूप में भर्ती हुआ था, वहां से मेडिकल ग्राउंड पर रिटायर होने के बाद कृषि विभाग में एडीओ के पद पर वर्ष 2006 में भर्ती हुआ और बाद में प्रमोशन के जरिए उसे एसडीओ का रद मिला। नरेश की शादी पलवल निवासी सीमा के साथ हुई थी, नरेश का सीमा से 8 साल का एक बेटा भी है।

छोड़कर चली गई पत्नी

छह साल पहले पत्नी सीमा नरेश को छोड़कर अपने मायके चली गई थी, दोनों के बीच अभी तलाक नहीं हुआ है। हत्यारोपी नरेश के चार भाई और हैं जिनमें सबसे बड़े श्यामसुंदर निजी कंपनी में कार्यरत हैं दूसरे नंबर पर पूर्व सैनिक चंद्रपाल हैं, तीसरे नंबर पर राजकुमार दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं। चौथे नंबर पर सत्यप्रकाश हैं और सबसे छोटा नरेश है।

नरेश का चल रहा था इलाज

नरेश का दिमागी रुप से संतुलन बिगड़ा हुआ है और उसका इलाज मुरादनगर में त्यागी नाम के डॉक्टर के पास चल रहा है। नरेश के भाई चंद्रपाल के अनुसार उसे पुलिस से सख्त नफरत थी और पत्नी के छोड़कर चले जाने से वह कुंठित हो गया था शायद इन्हीं परिस्थितियों में उसने इतना बड़ा कदम उठाया होगा। चंद्रप्रकाश के अनुसार उसकी पत्नी भी अक्सर उसे धमकाती रहती थी। नरेश ने हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार से एमएससी की परीक्षा पास की थी और वह टॉपर था।

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