तो ये है केजरीवाल के धरने की असली वजह, आधिकारी कैसे कर लें 'आप' पर विश्वास
मुख्य मुद्दा सरकार और नौकरशाही के बीच विश्वास समाप्त हो जाने का है। बड़ा सवाल यह है कि केजरीवाल सरकार के प्रति अधिकारियों में विश्वास कैसे पैदा होगा।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली में सरकार और नौकरशाही के बीच लगभग चार माह से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल की अपील के बाद भले ही अधिकारियों ने अपने रुख में कुछ नरमी दिखाई हो, मगर सुलह की राह आसान नहीं है। यहां मुख्य मुद्दा सरकार और नौकरशाही के बीच विश्वास समाप्त हो जाने का है। बड़ा सवाल यह है कि केजरीवाल सरकार के प्रति अधिकारियों में विश्वास कैसे पैदा होगा।
अधिकारी पुलिस सुरक्षा नहीं मांग रहे हैं
वहीं उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने सुलह के लिए उपराज्यपाल को पत्र लिखकर एक नया मुद्दा छेड़ दिया है। सिसोदिया ने अपने पत्र में कहा है कि कानून व्यवस्था और सेवाएं विभाग उपराज्यपाल के पास हैं। इसलिए बैठक में उपराज्यपाल भी मौजूद रहें और अधिकारियों की सुरक्षा की गारंटी लें। जबकि यहां समझने वाली बात यह है कि अधिकारी पुलिस सुरक्षा नहीं मांग रहे हैं।
सवाल आपसी विश्वास का है
एक वरिष्ठ आइएएस अधिकारी ने कहा कि पुलिस हम ले भी लेंगे तो उसका क्या करेंगे। सुरक्षा कर्मी को बैठक कक्ष में नहीं ले जा सकते। यहां सवाल आपसी विश्वास का है जो अब इस सरकार से लगभग उठ चुका है। कौन सा विधायक या मंत्री बैठक के बीच उठकर किस अधिकारी से क्या व्यवहार करेगा, कुछ नहीं कहा जा सकता है। केजरीवाल को विश्वास बहाल करना होगा। जो अब इतना आसान नहीं है।
केजरीवाल का विरोध
हालांकि राजनिवास के प्रतीक्षालय में धरने पर बैठे केजरीवाल अब बार-बार गुहार लगा रहे हैं कि उपराज्यपाल और केंद्र सरकार अधिकारियों की हड़ताल समाप्त करा दें। जबकि अधिकारी इसे मुद्दा नहीं मानते। उनका कहना है कि हड़ताल नहीं है बल्कि केजरीवाल का विरोध किया जा रहा है।
क्या माफी मांगेंगे केजरीवाल?
आइएएस एसोसिएशन के एक सदस्य ने साफ कहा है कि माफी मांगे जाने का मुद्दा अभी जिंदा है। यदि सुलह की बात होती है तो केजरीवाल और सिसोदिया को 19 फरवरी की घटना के लिए माफी मांगनी ही होगी। अन्यथा हम लोगों के विरोध प्रदर्शन का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
आइएएस एसोसिएशन ने दिखाई नरमी
बता दें कि रविवार को आइएएस एसोसिएशन द्वारा दिल्ली सरकार में काम करते हुए हो रही परेशानी पर अपनी व्यथा रखे जाने के बाद केजरीवाल ने अधिकारियों को अपने परिवार का सदस्य बताया था तथा उन्हें सुरक्षा देने की बात कही थी। इसके बाद सोमवार को आइएएस एसोसिएशन ने भी कुछ नरमी दिखाई। एसोसिएशन ने सुरक्षा के मुद्दे पर केजरीवाल से बात करने के लिए हामी भरी।
धरने पर केजरीवाल और गोपाल राय
धरने पर अब केवल केजरीवाल और गोपाल राय राजनिवास के प्रतीक्षालय में अनशन कर रहे मंत्री सत्येंद्र जैन रविवार देर रात एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हो गए। वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी सोमवार को अस्पताल में भर्ती हो गए। अब अरविंद केजरीवाल और मंत्री गोपाल राय राजनिवास में धरने पर हैं। केजरीवाल अब अधिकारियों से चल रहे विवाद को सुलझाने की जल्दी में दिख रहे हैं।
यह भी पढ़ें: सियासी धरने के बीच फंसी दिल्ली, क्या संजीवनी साबित होगा केजरीवाल का ये कदम