रात बीती ‘भूतों’ के साथ, किसी के हाथ से तो किसी के दांत से निकल रहा था खून
घुप अंधेरा... दरवाजा बंद होते ही कुछ पल के लिए बाहर से जो रोशनी झांक रही थी वो भी गायब। भूतिया अंधेरे में खौफनाक आवाजें। मानों भूतों की बरात हो...।
गुरुग्राम [हंस राज] घुप अंधेरा... दरवाजा बंद होते ही कुछ पल के लिए बाहर से जो रोशनी झांक रही थी वो भी गायब। भूतिया अंधेरे में खौफनाक आवाजें। मानों भूतों की बरात हो, जिसे देख कर मन सिहर जाए, इसलिए कोई छोटे कलेजे वाला तो यहां न ही जाए। 31 अक्टूबर की रात कुछ ऐसे ही भूतिया वेश में पुरुष-महिला दिल्ली-एनसीआर के रेस्तरां में पार्टी मना रहे थे...ये थी हैलोवीन नाइट।
आजकल युवाओं को ऐसी ही पार्टी पसंद है। अलग तरह के एक्सपेरिमेंट। कहीं किसी के हाथ-दांतों से मानों खून रिस्ता दिख रहा है...तो कहीं बड़े-बड़े लाल सुर्ख नाखूनों से डरा रहा है। लेकिन डोंट वरी कूल रहिए ये थीम पार्टी है। यहां सभी भूत वेशभूषा में शरीक होने आए हैं। सभी गेटअप एकदम भूतिया अंदाज में हैं। लोग रेड डेविल हॉर्न्स और स्पूकी टैटूज के साथ घोस्ट लुक में हैं। यही नहीं पार्टी पसंद युवाओं को ध्यान में रखकर रेस्त्रां और क्लब्स में भी विशेष आयोजन किए गए थे। हैलोवीन थीम पर ही पार्टी प्लेस का इंटीरियर किया गया था। वहां म्यूजिक के नाम पर भी भूतिया धुनें ही सुनने को मिल रहीं थीं। जिन धुनों पर युवा बेसुध भूतों की तरह नांच रहे थे।
नन्हे भूतों ने डरा दिया
दरअसल हैलोवीन पाश्चात्य परंपरा की देन है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में वेस्टर्न और मेट्रो कल्चर इतना मिक्स हो चुका है, इतना घुलमिल गया है कि अब हर साल 31 अक्टूबर को यहां भी इस भूतिया पार्टी का पूरे जोरशोर से आयोजन होता है। खासकर पार्टी पसंद युवाओं के बीच इसे सेलिब्रेट करनी की उत्सुकता ज्यादा ही बढ़ी है। इस वर्ष भी पार्टी प्लेस में हैलोवीन नाइट का जश्न मनाने पहुंचने वालों में युवाओं की तादाद ज्यादा दिख रही थी, लेकिन आंखें उस नजारे ने हतप्रभ कर दिया जब छोटे-चहिते बच्चों को भी उसी अंदाज में वहां पाया। वे भूतिया दुनिया से डर नहीं रहे थे बल्कि निडर होकर बड़े भूतों को डरा रहे थे।
कई सेलिब्रेशन प्वाइंट रहे गुलजार
दिल्ली-एनसीआर में कई जगहों पर हैलोवीन नाइट का जश्न का आयोजन किया गया था। हेल-ओ-हैलोवीन, मिस्ट्री ऑफ जोम्बिज, एस्सेक्स फार्म्स, हाइप में जोंबियालैंड फेस्टिवल, प्ले-ब्यॉय टैप, अर्बन हब, फैंटम और साइबर हब सोशल समेत कई पार्टी प्लेस में घोस्ट थीम पार्टी का आयोजन किया गया था। दिल्ली-एनसीआर का पार्टी हब बन चुकी के साइबर सिटी में ऐसी पार्टीज की डिमांड ज्यादा थी। इसकी वजह भी है यहां बहुत सारी मंटीनेशनल कंपनीज हैं जहां सिर्फ भारतीय युवा ही नहीं विदेशी भी काम करते हैं। तो वही माहौल उन्हें साइबर सिटी की पार्टीज में मिलता है। तभी तो वाटिका सिटी, सेक्टर 29, साइबर हब व सुशांत लोक के विभिन्न रेस्त्रां में इसे सेलिब्रेट किया गया। सेक्टर 29 स्थित मॉलीक्यू एयर बार, द व्हिस्की बार, गोल्फ कोर्स स्थित सेवन डिग्रीज और वेस्टिन के स्टोरी क्लब में भी पार्टी पसंद लोगों के लिए खास इंतजाम किए गए थे।
डिशेज और टैटू पर भी हैलोवीन
कई रेस्त्रां में जहां हैलोवीन थीम पार्टी हो रहीं थीं, वहीं डिशेज भी उसी भूतिया अंदाज में बनाई गईं थीं और सर्व भी
उसी अंदाज में की जा रही थीं। और तो और टैटूज की भी खास डिमांड थी जिस पर खूब ऑफर भी मिल रहे थे ।
ग्राहकों को बेहतरीन अनुभव देने के लिए मुंबई से भी टैटू कलाकार बुलवाए गए थे और इंटीरियर में भी हैलोवीन टच दिया गया था। ड्रिंक-डिश में भी खासकर रेड और ब्लैक ड्रिंक्स ज्यादा सर्व किए जा रहे थे।
यहां से हुई थी हौलोवीन की शुरुआत
हैलोवीन की शुरुआत सबसे पहले आयरलैंड और स्कॉटलैंड से हुई थी। मुख्य रूप से ईसाई समुदाय के इस त्योहार को लेकर मान्यता है कि भूतों का गेटअप करने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है। अक्टूबर के लास्ट संडे को सेल्टिक कैंलेंडर का आखिरी दिन माना जाता है। अमेरिका, इंग्लैंड और यूरोपियन देशों में इसे नए वर्ष की शुरुआत के तौर पर मनाया जाता है। पूर्वजों की याद में मनाए जाने वाले इस त्योहार के लिए पश्चिमी देशों में अक्टूबर के महीने का आखिरी संडे यानी रविवार चुना गया है लेकिन संडे से शुरू होकर यह उत्सव कई दिनों तक चलता है। पिछले एक दशक में इस उत्सव ने भारत के भी मेट्रो सिटी में अपनी जगह बना ली है।
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