World Photography Day 2020: ‘परफेक्ट क्लिक’ की दुनिया दीवानी, जानिये- वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर मिथुन का हुनर
World Photography Day 2020 मिथुन हुनुगुंद द्वारा खींची गई नर ब्लैक पैंथर और मादा लैपर्ड की जोड़ी की फोटो क्लासिक बन पड़ी है। यह फोटो दुनियाभर में सुर्खियों में बनी हुई हैं।
नई दिल्ली [मनु त्यागी]। World Photography Day 2020: सुबह आती है, रात जाती है यूं ही..वक्त चलता ही रहता है, रुकता नहींएक पल में ये आगे निकल जाता है..आदमी ठीक से देख पाता नहींऔर परदे पे मंजर बदल जाता है..एक बार चले जाते हैं, जो दिन-रात सुबह- शामवो फिर नहीं आते. वो फिर नहीं आते..कैमरा शायद इसीलिए है। गुजरते पलों को थाम लेता है। हमेशा के लिए कैद कर लेता है। सोचिये, अगर कैमरा न होता! आज विश्व फोटोग्राफी डे है। मिलते हैं युवा फोटोग्राफर मिथुन हुनुगुंद से जो अपने परफेक्ट क्लिक के लिए दुनियाभर में चर्चा में हैं।
बेंगलुरु निवासी वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर मिथुन हुनुगुंद द्वारा खींची गई नर ब्लैक पैंथर और मादा लैपर्ड की जोड़ी की फोटो क्लासिक बन पड़ी है। यह फोटो दुनियाभर में सुर्खियों में बनी हुई हैं। इंटरनेट पर ‘मोस्ट ट्रेंडिंग’ रही है। इस फोटो को मिथुन ने कर्नाटक के नागरहोल स्थित कबीनी अभयारण्य में बीती सíदयों में खींचा था, लेकिन कुछ दिनों पहले इंटरनेट पर तब चर्चा में आ गई, जब किसी ने इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। पोस्ट करने वाले ने फोटोग्राफर का नाम नहीं दिया था। तब मिथुन सामने आए और दुनिया में छा गए। मिथुन ने विश्व फोटोग्राफी दिवस की पूर्वसंध्या पर ‘दैनिक जागरण’ से विशेष बातचीत में इस फोटो, जिसे उन्होंने ‘द इटर्नल कपल’ यानी ‘अमर जोड़ा’ का नाम दिया है, के क्लिक की कहानी सहित मोबाइल कैमरे के फंक्शंस का सदुपयोग कर अतुलनीय तस्वीरें लेने के तरीके भी साझा किए।
मिथुन ने बताया कि कबीनी के जंगलों में वह इस जोड़े का पीछा लंबे समय से कर रहे थे। अक्सर इसेसाथ विचरते देखा। उन्होंने नर ब्लैक पैंथर को ‘साया’ और मादा लैपर्ड को ‘क्लिओपेट्रा’ नाम दिया। बताते हैं, साया दरअसल क्लिओपेट्रा का अनुगामी है, परछाई या साये की तरह वह उसके साथ चलता है। क्लिओपेट्रा भी उसका पूरा ध्यान रखती है और शिकार में आगे रहती है। पिछले साल मुङो इन दोनों का यह परफेक्ट क्लिक मिला। दोनों ने एक बड़ा शिकार किया था और उसे खाने के लिए काफी देर तक उसी जगह पर रुके थे। इस फोटो को देखने पर एकबारगी यही लगता है कि पीछे खड़ा ब्लैक पैंथर सामने खड़ी लैपर्ड का शेडो (साया) है। यही इस फोटो की खूबी है।
उन्होंने कहा, ‘आज हर किसी के जेब में कैमरा है, जो उच्च क्षमता के लेंसों से परिपूर्ण है, लेकिन अधिकांश लोग इसकी तकनीक और उपयोग के सही तरीके से अनभिज्ञ हैं। फोटोग्राफी हो या लाइफ, परफेक्ट क्लिक के लिए परफेक्ट विजन जरूरी है।’ 32 वर्षीय उदीयमान फोटोग्राफर ने कहा, ‘फोटोग्राफी के लिए कैमरे को, शॉट को, फोकस, लाइट, बैकग्राउंड, एक्सपोजर, रंग, इलीमेंट और एक्शन को तो समझना ही होगा। फोटोग्राफी के कुछ नियम हैं। इच्छाशक्ति, कल्पनाशक्ति, लगन, अभ्यास, अनुभव, अनुशासन, अनुसंधान, साहस, धैर्य, प्रयास और प्रतीक्षा के बिना जीवन की भांति इसमें भी सफलता पाना कठिन है।’
उन्होंने बताया, ‘लंबे समय तक प्रयास करते रहने के बाद आखिरकार वह संयोग बना जब साया और क्लिओपेट्रा उस एंगिल पर सामने आ गए, जिसकी मुङो प्रतीक्षा थी। क्लिओपेट्रा तो 2009 से यहां है और साया 2014 से है। हर साल की तरह इस बार भी लगातार छह दिनों से जंगल में मैं इनकी गतिविधियों को देख रहा था, धीरे-धीरे संयोग बन रहे थे। और अंतत: मुङो ये मौका मिला।’
मिथुन ने अपने बारे में बताया, ‘पिताजी वन अधिकारी हैं, लिहाजा मेरी जिंदगी बचपन से ही जंगलों से जुड़ी रही। मुङो जंगलों से लगाव रहा। यही वजह रही कि इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग करके अच्छी नौकरी हासिल करने के बाद भी जंगल के मोह में बंधा रहा। 2015 से पूरी तरह से अपने पैशन को ही प्रोफेशन बना लिया। अब पेशेवर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हूं। जल्द ही वन्य जीवन पर मेरी किताब भी आने वाली है। अपनी तस्वीरों की प्रदर्शनी भी आयोजित कर रहा हूं। विश्व फोटोग्राफी दिवस पर मैं इस विधा को चाहने वालों से यही कहूंगा कि फोटोग्राफी हो या जीवन, परफेक्ट क्लिक का अभ्यास करें, यह आपको भी परफेक्ट बना सकता है।
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