अब आसानी से अपनी रक्षा कर सकेंगी युवतियां, जानिए- क्या है वैज्ञानिकों की नई खोज
स्वदेशी तकनीक से तैयार स्प्रे के तरल पदार्थ में किसी मिर्च का इस्तेमाल करने के बजाय एक खास पदार्थ का उपयोग किया गया है। इसका असर अन्य पेपर स्प्रे की तुलना में अधिक देर तक रहता है।
नोएडा [चंद्रशेखर वर्मा]। महिलाएं अक्सर छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने के लिए पेपर मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल करती हैं। कई दफा ये कारगर नहीं हो पाता है। इसको देखते हुए एमिटी विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ फाइटोमेडिसिन एंड फाइटोकेमेस्ट्री व सेंटर फॉर कार्बोहाइड्रेड रिसर्च के वैज्ञानिकों ने एक खास तरीके का स्प्रे तैयार किया है। इसका नाम 'सेल्फ डिफेंस स्प्रे' रखा गया।
स्वदेशी तकनीक से तैयार इस स्प्रे के तरल पदार्थ में किसी मिर्च का इस्तेमाल करने के बजाय एक खास पदार्थ का उपयोग किया गया है। इसका असर अन्य पेपर स्प्रे की तुलना में अधिक देर तक रहता है। यह इतना कारगर है कि संपर्क में आने वाला शख्स कुछ देर के लिए अस्थायी तौर पर अंधा तक हो जाता है।
प्रोजेक्ट की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. हर्षा खर्कवाल ने बताया कि देश में महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। इसको लेकर सरकार और निजी संगठन विभिन्न स्तरों पर काम कर रहे हैं। महिला सुरक्षा को लेकर पेपर स्प्रे काफी सही विकल्प माना जाता है। सबसे बड़ी वजह इसको आसानी से बैग या पहने जाने वाले कपड़ों में रखा जा सकता है। इस वजह से हमने भी इस पर काम शुरू किया।
उन्होंने बताया कि सेल्फ डिफेंस स्प्रे में मिर्च का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसके तरल को एक खास तरह के पदार्थ से बनाया गया है। अन्य स्प्रे का असर जहां एक से दो घंटे तक रहता है। वहीं, इसके संपर्क में आने वाले शख्स पर इसका प्रभाव छह से सात घंटे तक रहता है।
डॉ. हर्षा खर्कवाल ने बताया कि अन्य स्प्रे की बात करें तो यह इंसान पर बहुत बुरा प्रभाव छोड़ते हैं। इससे उनको बहुत तेज जलन, सूजन और भयानक दर्द का सामना करना पड़ता है। कई बार त्वचा संबंधी रोग भी हो जाते हैं। वहीं, सेल्फ डिफेंस स्प्रे से अधिक जलन नहीं होती। यह इंसान को एक से दो घंटे के लिए अस्थायी तौर पर अंधा कर देता है। उन्होंने बताया कि इस स्प्रे को पेटेंट के लिए भेजा गया है। आशा है कि जल्द ही अप्रूवल मिल जाएगा।
50 रुपये से अधिक नहीं होगी कीमत
बाजार में मिलने वाले पेपर स्प्रे का मूल्य 150 रुपये से कम नहीं होता। वहीं, ब्रांड और प्रभाव के अनुसार इसकी लागत हजार रुपयों तक चली जाती है। वहीं, स्वेदशी तकनीकी से बनाए गए इस स्प्रे की कीमत 50 रुपये से अधिक नहीं होगी।