Move to Jagran APP

बड़ी राहत की तैयारीः दिल्ली को प्रदूषण से बचाएगी 32 लाख पौधों की 'दीवार'

इस योजना पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), सीपीडब्यूडी, डीएमआरसी, उत्तरी रेलवे, दिल्ली सरकार का पीडब्ल्यूडी विभाग और कई नगर निगम साथ मिलकर काम करेंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 09 Jul 2018 02:19 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jul 2018 03:52 PM (IST)
बड़ी राहत की तैयारीः दिल्ली को प्रदूषण से बचाएगी 32 लाख पौधों की 'दीवार'
बड़ी राहत की तैयारीः दिल्ली को प्रदूषण से बचाएगी 32 लाख पौधों की 'दीवार'

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की राजधानी दिल्ली में अक्सर प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, जिससे दिल्ली वासियों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं, लेकिन अब दिल्ली के वन विभाग ने दिल्ली की सीमाओं पर पेड़ों की 'दीवार' बनाने की योजना बनाई है। पेड़ों की यह 'दीवार' पड़ोसी राज्यों यूपी, हरियाणा, खासकर राजस्थान से आने वाली धूल और प्रदूषण से दिल्ली को बचाने का काम करेगी। इस योजना पर दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), सीपीडब्यूडी, डीएमआरसी, उत्तरी रेलवे, दिल्ली सरकार का पीडब्ल्यूडी विभाग और कई नगर निगम साथ मिलकर काम करेंगे। 

loksabha election banner

इस मुहिम से जुड़े वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो मानसून के दौरान ऐसे पौधे लगाए जाएंगे, जो अगले कुछ वर्षों में पेड़ का रूप ले लेंगे। पेड़ों के बड़ा होते ही ये पड़ोसी राज्यों खासकर राजस्थान की धूल और प्रदूषक तत्वों से दिल्ली को बचाने का काम करेंगे। वन विभाग ने उम्मीद जताई है कि यह कोशिश रंग लाएगी और दिल्ली को प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिलेगी।

वन विभाग के मुताबिक, उसका ध्यान दिल्ली के असोला, तुगलकाबाद, आयानगर, नरेला और यमुना के आसपास के क्षेत्रों पर होगा। कहा जा रहा है कि यहां पौधों के साथ-साथ झाड़ियां भी उगाई जाएंगी, इसका मकसद धूल रोकना है।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र और दिल्ली सरकार की कई एजेंसियां पहले ही इस योजना पर काम शुरू कर चुकी हैं। बकौल अधिकारी, 'प्राकृतिक दीवार हरियाणा, राजस्थान और यमुना फॉरेस्ट और अरावली से छूते बॉर्डर को कवर करेगी। इसके मुख्य मकसद पार्टिकुलेट मैटर्स और धूल के कणों को रोकना है।'

पिछले दिनों यूनियन एंड स्टेट डेवलपमेंट एजेंसियों ने दिल्ली के उपराज्यपाल को जानकारी दी थी कि दिल्ली में 28  लाख पेड़-पौधे लगाए जाएंगे, लेकिन अब इसकी संख्या बढ़ाकर 32 लाख कर दी गई है। इसके मकसद दिल्ली के बॉर्डर इलाकों पर पौधे लगाकर राजस्थान से आने वाली धूल को रोकना है।

जानें कौन से पौधे लगाए जाएंगे

वन विभाग की योजना के तहत पिलखन, गूलर, आम, महुआ के अलावा, पीपल, नीम, आंवला, जामुन, बहेड़ा के पेड़ लगाए जाएंगे। वन विभाग ने कहा कि बॉर्डर पर पेड़ लगाए जाने का काम एक साल में पूरा कर लिया जाएगा और जुलाई में इसकी शुरुआत की जा चुकी है।

किसके पास कितने पौधे लगाने का लक्ष्य

तय समय के मुताबिक, योजना को अमल में लाया जा सके, इसलिए सबके लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा 10 लाख पेड़ डीडीए लगाएगा, वहीं, वन विभाग को 4.22 लाख पेड़ लगाने हैं। इसके अलावा, बाकी बचे पौधे अन्य विभाग लगाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.