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मेट्रो में बढ़ती भीड़ के बीच कैसे करें सुरक्षित सफर, जानिए एमडी मंगू सिंह ने क्‍या दिया सुझाव

मेट्रो के एमडी मंगू सिंह ने कहा कि मेट्रो एक बार फिर पहले की तरह सामान्य रूप से चल रही है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मेट्रो में एक सीट छोड़कर बैठने व एक मीटर की दूरी बनाकर कोच में खड़े रहने की व्यवस्था की गई है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 03:54 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 03:54 PM (IST)
मेट्रो में बढ़ती भीड़ के बीच कैसे करें सुरक्षित सफर, जानिए एमडी मंगू सिंह ने क्‍या दिया सुझाव
दिल्‍ली मेट्रो की सफाई करता हुआ कर्मचारी- फाइल फोटो

नई दिल्‍ली, जागरण संवाददाता। दिल्‍ली में कोरोना के लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, मेट्रो में यात्रियों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। बढ़ते केस के मद्देनजर हर किसी को सुरक्षित यात्रा करना जरूरी होता है। हर कोई अपने काम से ऑफिस जा रहा है अन्‍य किसी जगह जाने के लिए मेट्रो का इस्‍तेमाल कर रहे हैं।

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शारीरिक दूरी के नियम के पालन करें

इसी बीच दिल्ली मेट्रो रेल निगम के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने कहा कि मेट्रो एक बार फिर पहले की तरह सामान्य रूप से रफ्तार भरने लगी है। कोरोना संक्रमण से बचाव व शारीरिक दूरी के नियम के पालन के लिए मेट्रो में एक सीट छोड़कर बैठने व एक मीटर की दूरी बनाकर कोच में खड़े रहने की व्यवस्था की गई है।

मास्‍क पहनना अनिवार्य है

मास्क पहनना भी अनिवार्य किया गया। फिर भी जरूरी है कि दफ्तर का समय इस तरह से निर्धारित किया जाए कि सुबह या शाम को व्यस्त समय में मेट्रो में भीड़ न बढ़ सके। मेट्रो सामान्य होते ही सुबह व शाम को मेट्रो में शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं होने की शिकायतें भी मिल रही हैं। यदि हम अपनी कार्यशैली, कोरोना से बचाव के अनुकूल नहीं बनाएंगे तो आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी।

ऐसे कम होगी भीड़ और सफर होगा सुरक्षित

व्यस्त समय में भीड़ कम हो इसलिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने दोपहर में मेट्रो की फ्रीक्वेंसी कम रखने की व्यवस्था खत्म कर दी है। अब सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक मेट्रो की फ्रीक्वेंसी एक बराबर रहेगी। ताकि लोग दफ्तर के व्यस्त समय में मेट्रो में सफर करने से बच सकें। लेकिन, यह व्यवस्था तभी कामयाब होगी जब नियोक्ता कर्मचारियों को अलग-अलग समय पर दफ्तर बुलाएं। ताकि कर्मचारी व्यस्त समय की बाधा को तोड़कर मेट्रो में सफर कर सकें।

कम हो गई है एक कोच में यात्रियों की संख्‍या

यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पहले एक कोच में 250 से 300 यात्री सफर करते थे। अब यह संख्या 50 तक सीमित कर दी गई है। इसलिए मेट्रो को 20 फीसद क्षमता के साथ चलाने की व्यवस्था की गई है। यदि लोग व्यस्त समय की व्यवस्था से हटकर अपनी यात्र प्लान करेंगे तो मेट्रो अधिक यात्रियों को परिवहन सुविधा उपलब्ध करा पाएगी। दोपहर में ही मेट्रो की फ्रीक्वेंसी अधिक रखी गई है। लोगों को इस व्यवस्था का फायदा उठाना चाहिए।

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