Delhi Coronavirus Cases Update: दिल्ली सरकार के इन 6 कदमों से थमी कोरोना वायरस की रफ्तार
Delhi Coronavirus Cases Update मरीजों के रिकवरी की दर पिछले सप्ताह 71.74 थी इस सप्ताह रिकवरी की दर 79.98 फीसद हो गई है। ये सब आंकड़े दर्शाते हैं कि दिल्ली में कोरोना काबू में है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Arvind Kejriwal Govt: दिल्ली के लिए राहत की खबर है कि कोरोना को रोकने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा अपनाई गई रणनीति कारगर साबित हुई है। राजधानी में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब धीमी हुई है। इस समय सक्रिय मरीजों की संख्या 20 हजार के आसपास है, जबकि पिछले सप्ताह सक्रिय मरीजों की संख्या 25,038 थी। वहीं जून के पहले सप्ताह में प्रत्येक सौ मरीज की जांच होने पर 32 मरीज पॉजिटिव पाए जाते थे, लेकिन इस सप्ताह (जुलाई 12 तक) सौ मरीज की जांच होने पर नौ फीसद मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। यहां तक कि कोरोना मरीजों के रिकवरी की दर पिछले सप्ताह 71.74 थी, लेकिन इस सप्ताह रिकवरी की दर 79.98 फीसद हो गई है। ये सब आंकड़े दर्शाते हैं कि राजधानी में कोरोना के संक्रमण की दर में कमी आई है।
गंभीर मरीजों की संख्या में आई कमी
जुलाई के दूसरे सप्ताह में राजधानी के अस्पतालों में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों की संख्या में कमी आई है। पिछले सप्ताह अस्पतालों में 65 फीसद बेड खाली थे, लेकिन इस सप्ताह 72 फीसद बेड खाली हैं। वहीं जून के पहले सप्ताह में अस्पताल में प्रतिदिन 215 दूसरे सप्ताह में 171 बेड प्रतिदिन की जरूरत पड़ रही थी, लेकिन अब प्रतिदिन 139 बेड की ही जरूरत पड़ रही है। यानी भर्ती होने वाले गंभीर मरीज कम हुए हैं। इसी प्रकार यहां पिछले महीने मृत्यु दर 3.64 फीसद थी जो अब घटकर तीन फीसद तक पहुंच गई है।
तीन प्लाज्मा बैंक से मिला लाभ
राजधानी दिल्ली में पहला प्लाज्मा बैंक इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलेरी साइंसेज (आइएलबीएस) में खुला था। अब दो और प्लाज्मा बैंक लोकनायक व जीटीवी अस्पताल में शुरू हो गए हैं। इससे प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने से मरीजों की स्थिति में और सुधार हुआ है। इससे भी मृत्यु दर में कमी आई है।
मरीजों को दिए गए 58,974 पल्स ऑक्सीमीटर
होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को अब तक 58,974 पल्स ऑक्सीमीटर दिए गए हैं, जिससे मरीज खुद का ऑक्सीजन स्तर नाप सकते हैं। राजधानी में ज्यादा जांच करने, होम आइसोलेशन, बेड की क्षमता बढ़ाने, मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर देने व प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने के कारण अब ठीक होने वाले मरीज बढ़ गए हैं। बॉक्सऐसे काबू में आते गए हालातदिल्ली सरकार ने चरणबद्ध तरीके कोरोना के संक्रमण को कम करने में सफलता हासिल की।
संक्रमण की बढ़ती संख्या को कम करना
दिल्ली सरकार ने सबसे पहले ऐसी नीतियां बनाई जिससे कि मरीजों की संख्या नियंत्रित किया जा सके। रणनीति के तहत सरकार ने मरीजों को तीन श्रेणियों में बांट दिया। पहला, गंभीर मरीज दूसरा कम गंभीर मरीज, और तीसरा बिना लक्षणों वाला मरीज। सबसे ज्यादा ध्यान गंभीर मरीजों पर दिया जाने लगा। कम गंभीर और बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई। हाल के लक्षणों वाले मरीजों को क्वारंटाइन किया गया।
होम आइसोलेशन के प्रति जागरूकता अभियान
सरकार को यह पता था कि उनके अस्पतालों में पर्याप्त बेड नहीं है, इसलिए उन्होंने रणनीति के तहत सिर्फ गंभीर मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होने का निर्देश दिया। इससे अपने आप अस्पतालों में मरीजों का बोझ कम हो गया।
टेस्टिंग और आइसोलेशन बढ़ाया गया
जून के शुरुआत में ही दिल्ली सरकार ने रणनीति के तहत आइसोलेशन के स्थान बढ़ाए। इसके साथ ही टेस्टिंग भी बढ़ा दी। 31 मई तक दिल्ली में 10 लाख आबादी के ऊपर साढे़ दस हजार टेस्टिंग की गई। जून के पहले सप्ताह में हॉटस्पॉट इलाके में घर-घर जाकर टेस्टिंग की गई। आधी जून तक 11,000 टेस्ट हर रोज किए गए। वहीं एक जुलाई से टेस्टिंग को बढ़ाकर 21 हजार प्रतिदिन कर दिया गया।
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