जानें- अब कैसे पेपर लीक होने से रोक रहा है सीबीएसई, जल्द होगा एक बड़ा एलान
सीबीएसई के सचिव के अनुसार, देश के 211 व विदेश स्थित 7 परीक्षा केंद्रों में इन्क्रिप्टेड पेपर भेजे गए थे। इस तरह से आयोजित की गई परीक्षा सफल रही।
नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बीते दिनों 10वीं हिंदी की कंपार्टमेंट परीक्षा इन्क्रिप्टेड मोड से आयोजित की। इसके तहत 218 परीक्षा केंद्रों को ईमेल से इन्क्रिप्टेड (पासवर्ड से खुलने वाले) पेपर भेजे गए, जिन्हें परीक्षा से कुछ घंटे पहले प्रिंट कर परीक्षार्थियों को बांटा गया। सीबीएसई ने इस प्रयोग को सफल बताया है।
पेपर लीक के बाद से सीबीएसई परीक्षाओं को लीक प्रूफ बनाने के लिए काम कर रहा है। सीबीएसई ने 16 जुलाई को 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा भी ट्रायल के तौर पर इन्क्रिप्टेड मोड से आयोजित की थी। इसके बाद सीबीएसई ने 10वीं हिंदी की कंपार्टमेंट परीक्षा भी इन्क्रिप्टेड मोड से आयोजित कराई।
सीबीएसई के सचिव के अनुसार, देश के 211 व विदेश स्थित 7 परीक्षा केंद्रों में इन्क्रिप्टेड पेपर भेजे गए थे। इस तरह से आयोजित की गई परीक्षा बिना किसी बाधा के सफल रही।
यहां पर बता दें कि सीबीएसई 10 वीं और 12वीं की कंपार्टमेंट की परीक्षा 16 जुलाई से शुरू हुई है। सीबीएसई ने पेपर लीक के कारण हो रही अपनी बदनामी के मद्देनजर इस परीक्षा सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा है। यही वजह है कि सीबीएसई ने कंपार्टमेंट परीक्षा के दौरान खास कोड वाले प्रश्नपत्र का प्रयोग किया।
इस तरह हुई परीक्षा
जानकारी के मुताबिक, परीक्षा केंद्र पर 10वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए इन्क्रिप्टेड (कोड वाले) प्रश्नपत्र भेजे गए थे। 16 जुलाई को हुई परीक्षा में परीक्षा केंद्र को सीधे प्रशनपत्र भेजे गए। इस प्रक्रिया के तहत परीक्षा से ठीक 30 मिनट पहले केंद्रों को पासवर्ड मिले। अब कहा जा रहा है कि 25 जुलाई तक आयोजित होने वाले कंपार्टमेंट की परीक्षा में इस्तेमाल होगा।
बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पूर्व एचआरडी सचिव विनय शील ओबेरॉय के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था और इस टीम ने सफल परीक्षा कराने को लेकर विचार किया है।
जानें कौन-कौन है इस टीम में
इस टीम में पूर्व सीबीएसई कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशंस और सचिव उत्तर प्रदेश परीक्षा बोर्ड पवनेश कुमार, पूर्व एनसीईआरटी निदेशक और एनसीटीई के चेयरमैन जे.एस.राजपूत, एसएनडीटी महिला यूनिवर्सिटी की पूर्व वाइस चांसलर वसुधा कामत और पूर्व शिक्षा निदेशक कृष्ण मोहन त्रिपाठी भी सदस्य के तौर पर शामिल हैं।