टैक्सटाइल और रिटेल सेक्टर में मंदी को दूर करेगा Amazon, दुनिया भर के ग्राहकों की होगी भरमार
अमेजन का प्लेटफार्म इस्तेमाल कर रिटेल सेक्टर से जुड़े दुनिया भर के ग्राहकों को आकर्षित करने की योजना पर मंगलवार को नोएडा आंत्रप्रेन्योर्स एसोसिएशन (एनईए) सभागार में सेमिनार हुआ।
नई दिल्ली/नोएडा, जेएनएन। आर्थिक मंदी के भंवर में फंसे रिटेल सेक्टर को बाहर निकालने का रास्ता निजी क्षेत्र से दिखने लगा है। अमेजन का प्लेटफार्म इस्तेमाल कर रिटेल सेक्टर से जुड़े दुनिया भर के ग्राहकों को आकर्षित करने की योजना पर मंगलवार को नोएडा आंत्रप्रेन्योर्स एसोसिएशन (एनईए) सभागार में कार्यशाला आयोजित हुई।
कार्यशाला में टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े प्रतिनिधियों और अमेजन अधिकारियों के बीच अनुबंध कराने का प्रयास प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला उद्योग केंद्र ने किया। इसके लिए प्रदेश सरकार टेक्सटाइल इंडस्ट्री के उत्पादों को अमेजन की साइट पर ऑन बोर्ड (साइट पर डिस्प्ले) कराने पर आने वाले खर्च पर 75 फीसद सब्सिडी भी देगी। उम्मीद जताई कि इससे देश की बिगड़ती हुई अर्थव्यवस्था को मजबूत मिल सकती है।
कार्यशाला में अमेजन कंपनी हेड फ्रेंचाइजी बिजनेस मोहम्मद सैफ, स्टोर मोर सोल्यूशन के एमडी व सीईओ अपोलो शर्मा ने प्रतिनिधियों को बताया कि उनकी एक्सपर्ट टीम उद्यमियों से संपर्क करेगी और उनके उत्पाद को अपने कैमरे में कैद कर उसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिस्प्ले करेगी। जिसके बाद उद्यमियों के पास स्वयं ग्राहकों का फोन आएगा। उन्हें उत्पाद हमारे वेयरहाउस में पहुंचाना होगा। कंपनी केवल उत्पाद बेचने का कुछ चार्ज और पैकेजिंग खर्च लेगी, ग्राहक तक पहुंचा देगी। इस दौरान एक प्रेजेंटेशन के जरिये लोगों को सारी जानकारी से अवगत कराया गया।
इस मौके पर नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन, महासचिव वीके सेठ, धर्मवीर शर्मा, मोहन सिंह, नीरू शर्मा, आलोक गुप्ता समेत टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े 125 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
सरकार की मंशा, मंदी से निपटने को तैयार हो ग्राउंड
जिला उद्योग केंद्र उपायुक्त अनिल कुमार ने कहा कि पिछले दिनों सरकार के साथ अमेजन ने अनुबंध किया। विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई कि वह टेक्सटाइल सहित रिटेल सेक्टर से जुड़ी अन्य इंडस्ट्री को आर्थिक मंदी से बाहर निकाले। इसी के मद्देनजर अमेजन का सहयोग लेकर त्योहारी सीजन में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म उपलब्ध कराने का प्रयास शुरू किया गया है।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में काम करने वाले गारमेंट्स एक्सपोर्टर आर्डर सप्लाई के बाद 120 दिन में पैसा मिलता है।
- घरेलू बाजार में काम करने वाले टेक्सटाइल से जुड़े लोगों को यह रकम 90 दिन में मिलती है।
- एमएसएमई में रजिस्टर्ड टेक्सटाइल यूनिटों को सरकार की ओर से 45 दिन में भुगतान का प्रावधान कराया गया है।
- अमेजन जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्म के जरिए उत्पाद बेचने पर तीन दिन में कीमत उद्यमी के बैंक खाते में आ जाएगी।
उद्यमियों का नहीं फंसेगा, पैसा सरकार करेगी मदद
एनईए अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, जो केंद्र सरकार का खजाना भरने के साथ-साथ आर्थिक मजबूती देने में अहम भूमिका निभाता है। राज्य सरकार के राजस्व बढ़ोतरी में नोएडा की अग्रणी भूमिका है, प्रदेश के कुल राजस्व में 60 फीसद का योगदान इसी शहर के जरिए होता है, जिसमें टेक्सटाइल इंडस्ट्री अव्वल नंबर पर आती है।
कार्यशाला में विपिन कुमार मल्हन ने बताया कि नोएडा में 2200 इकाइयां इसी सेक्टर से जुड़ी हैं, जो रिटेल सेक्टर की मांग को पूरा करते हैं। हालांकि 700 गारमेंट्स एक्सपोर्टर ऐसे हैं, जो अमेरिका समेत यूरोपीय देशों से कुल कारोबार का 80 फीसद काम कर रहे हैं, लेकिन वैश्विक मंदी के कारण उनका कारोबार प्रभावित हो चुका है। ऐसे में उनके लिए प्रदेश सरकार एक नई आशा की किरण बनकर सामने आई है।