कैसे 'लुका छिपी' से पति-पत्नी में घट गई दूरी, पढ़िए- यह रोचक स्टोरी
लक्ष्मन उतेकर निर्देशित फिल्म लुका छिपी की रिलीज के बाद एक बार फिर लिव-इन रिलेशनशिप चर्चा में है। साथ ही इसे देखने के बाद एक जोड़े ने तो अपने गिले-शिकवे दूर कर लिए।
नई दिल्ली/मुरादाबाद [सुशील कुमार]। लक्ष्मन उतेकर निर्देशित फिल्म 'लुका छिपी' की रिलीज के बाद एक बार फिर लिव-इन रिलेशनशिप चर्चा में है। साथ ही इसे देखने के बाद एक जोड़े ने तो अपने गिले-शिकवे दूर कर लिए। दिल्ली के रोहिणी की रहने वाली महिला ने फिल्म को देखकर शराबी पति से समझौता कर लिया। उनका कहना है कि शादी से पहले लिव-इन रिलेशनशिप में रहकर पति की हर हरकत को भांप सकती थीं। फिर शादी के बाद थाने पहुंचने की नौबत नहीं आती। कई घंटों तक चली परिवार की पंचायत के बाद दोनों ने समझौता कर लिया।
दिल्ली के रोहिणी निवासी महिला की शादी तीन साल पहले मुरादाबाद में मझोला के खुशहालनगर स्थित वसंत विहार में रहने वाले युवक से हुई थी। युवक एक फर्म में काम करता है। उनका आठ महीने का बेटा भी है। महिला का कहना है कि उसका पति शराब का आदी है। इसी के चलते उनमें विवाद बढ़ गया। चार महीने पहले वह मायके चली गई। महिला ने बताया कि शुक्रवार को फिल्म लुका छिपी रिलीज हुई।
फिल्म में दिखाया है कि शादी से पहले लिव इन रिलेशनशिप में रहकर लड़का और लड़की एक दूसरे को समझ सकते हैं। यदि दोनों एक दूसरे को एडजस्ट नहीं कर पाए तो अलग हो सकते हैं। ऐसे में शादी टूटने वाली नौबत नहीं आएगी। फिल्म से सीख लेकर महिला ने अपने पति से बातचीत की। मझोला के खुशहालपुर चौकी पहुंचकर दोनों ने समझौते के लिए बात की। करीब दो घंटे तक दोनों के परिवार के लोगों में समझौते के लिए शर्त रखी गई। दोनों ने एक दूसरे की शर्त मानी। रविवार की शाम करीब चार बजे दोनों में समझौता हुआ। तय हुआ कि उसका पति शराब से छुटकारा ले लेगा। रजामंदी के बाद दोनों लौट गए।
क्या है लिव इन रिलेशनशिप?
लिव -इन-रिलेशनशिप दो जोड़ों के बीच का एक अनूठा बंधन होता है, जिसमे जोड़े बिना शादी किए ही एक-दूसरे के साथ सालों बिता देते हैं। लिव इन में रहने के लिए दोनों के बीच प्यार, भरोसा होना चाहिये।
क्या कहता है कानून
लिव इन रिलेशनशिप की अवधारणा को पश्चिमी देशों से भारत में लाया गया है, जिसे किसी व्यक्ति का व्यक्तिगत निर्णय माना जाता है। साथ ही भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित व्यक्ति के जीवन के अधिकार के तहत यह सही गारंटी है।
जे रविन्दर गौड (उप महानिरीक्षक) ने कहा कि कानून ने कभी भी किसी व्यक्ति की पर्सनल लाइफ में ताक-झांक नहीं की है। कानून ने लिव इन को समर्थन देकर आगे बढऩे की अवधारणा को स्वीकार कर लिया है। कानून व्यवस्था प्रभावित होने पर पुलिस कार्रवाई करेगी। मझोला में दंपती ने फिल्म से सीख लेकर समझौता कर लिया है।