Move to Jagran APP

वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने लाखों व्यापारियों के हित में उठाया बड़ा कदम, GST बिल में किया संशोधन, जानें फायदा

सिसोदिया ने कहा कि प्रस्तावित दिल्ली जीएसटी (संशोधन) विधेयक 2021 व्यापारियों की कठिनाइयों को कम करने जीएसटी की प्रक्रिया को सुगम बनाने और उन सभी लोगों को जवाबदेह बनाने के लिए लाया गया है जिन्होंने जीएसटी में फर्जीवाड़ा किया और लोगों से पैसा लिया लेकिन सरकार को नहीं दिया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 11:03 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 05:50 AM (IST)
वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने लाखों व्यापारियों के हित में उठाया बड़ा कदम, GST बिल में किया संशोधन, जानें फायदा
दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन पारित हुआ दिल्ली जीएसटी संशोधन विधेयक 2021

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। दिल्ली के वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को दिल्ली जीएसटी संशोधन विधेयक 2021 का प्रस्ताव रखा जिसे विधानसभा द्वारा पास किया गया। इसके तहत जीएसटी के सेक्शन 15 में संशोधन किया गया और शेड्यूल 2 के पाराग्राफ 7 को हटा दिया गया। ये संशोधन 39वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में अप्रूव किए गए थे।

loksabha election banner

सिसोदिया ने कहा कि प्रस्तावित दिल्ली जीएसटी (संशोधन) विधेयक 2021 व्यापारियों की कठिनाइयों को कम करने, जीएसटी की प्रक्रिया को सुगम बनाने और उन सभी लोगों को जवाबदेह बनाने के लिए लाया गया है जिन्होंने जीएसटी में फर्जीवाड़ा किया और लोगों से पैसा लिया लेकिन सरकार को नहीं दिया। यह प्रस्तावित संशोधन विधेयक उन सभी लोगों पर लगाम लगाएगा जो करों की चोरी करते हैं।

सेक्शन 15 में यह व्यवस्था थी कि व्यापारियों को कंपल्सरी ऑडिट और रिकॉन्सिलिएशन ऑफ स्टेटमेंट देना जरूरी था। इसके कारण व्यापारी वर्ग पर लिखा पढ़ी का बोझ ज्यादा था। इससे छोटे छोटे व्यापारियों को चार्टेड और कॉस्ट एकाउंटेंट्स पर निर्भरता बढ़ रही थी। इसके साथ ही उनका खर्च भी बढ़ रहा था। अब इस कंपल्शन को हटा दिया गया है। सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर अगर कोई स्क्रूटनी होती है और किसी कारणवश गाड़ी सीज हो जाती है तो पहले सामान तब छोड़ा जाता था जब व्यापारी टैक्स और जुर्माना दोनों देता था। अब सामान की कीमत पर जुर्माना देना होगा। टैक्स अलग से देना होगा।

पहले रिटर्न देर से फाइल होने की स्थिति में ग्रॉस अमाउंट पर इंटरेस्ट देना पड़ता था। अब केवल जो अमाउंट टैक्स लाइबिलिटी के रूप में कैश में पे किया जाएगा केवल उस पर यानि नेट अमाउंट पर इंटरेस्ट लगेगा। ये व्यवस्था 1.7.2017 से लागू होगा।

जीएसटी संशोधन विधेयक 2021 में गड़बड़ी को रोकने के लिए कुछ सख्ती भी की गई है। आइटीसी संबंधी गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार फर्जी फर्म स्थापित कर जीएसटी चोरी करने वाले लोगों की संपत्ति भी कुर्की करेगी। अभी इन मामलों में उस व्यक्ति पर करवाई की जाती है जिसके नाम फर्म रजिस्टर्ड हैं, लेकिन इस संशोधन के बाद फर्जीवाड़ा करने वाले मास्टरमाइंड लोगों पर भी गाज गिरेगी।

ई-वे बिल के मामले में अभी गाड़ी पकड़े जाने पर डिस्प्यूटेड अमाउंट का 10% प्री-डिपॉजिट रखने का प्रावधान है जिसे बढ़ाकर 25% किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी में एक और फर्जीवाड़ा देखने को मिला है। कुछ लोग GSTR-1 और 3B फॉर्म भरते समय R-1 में बढ़ी हुई राशि और 3B में कम राशि दिखाते हैं। जब आइटीसी (ITC) पास करने की बात आती है, तो लोग अधिक बिक्री का दावा करते हैं, लेकिन टैक्स भरने के दौरान बिक्री कम दिखाते हैं। इसके मद्देनजर अब से, आर-1 में दाखिल करों को भी टैक्स लायबिलिटी में शामिल किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि संशोधन को दिल्ली विधानसभा में पूर्ण बहुमत से पारित किया गया है।

यह भी पढ़ेंः घड़ी के शौकीन हैं तो आइए दिल्ली की इस मशहूर दुकान में, 500 से 40 हजार तक की है स्टाइलिश घड़ियां


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.