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फरीदाबाद में एक परिवार के 4 लोगों की आत्महत्या का दिल्ली के 'बुराड़ी' से जुड़ा लिंक

सुसाइड नोट में परिवार के चारों सदस्यों ने दिल्ली के बुराड़ी स्थित कब्रिस्तान में दफनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी। उनकी इच्छा के मुताबिक उन्हें दफना दिया गया।

By Edited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 07:49 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 10:17 AM (IST)
फरीदाबाद में एक परिवार के 4 लोगों की आत्महत्या का दिल्ली के 'बुराड़ी' से जुड़ा लिंक
फरीदाबाद में एक परिवार के 4 लोगों की आत्महत्या का दिल्ली के 'बुराड़ी' से जुड़ा लिंक

फरीदाबाद, जेएनएन। दयालबाग में तीन बहनों व एक भाई के सामूहिक आत्महत्या मामले में रविवार को पुलिस ने सिविल अस्पताल में चारों को पोस्टमार्टम करा दिया। परिवार का कोई भी रिश्तेदार या नजदीकी नहीं मिलने के कारण शव सेक्टर-28 स्थित चर्च के फादर रवि कोटा को सौंपे गए। सुसाइड नोट में चारों भाई बहनों ने शव उनके सुपुर्द करने की इच्छा जताई थी।

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सुसाइड नोट में उन्होंने दिल्ली के बुराड़ी स्थित कब्रिस्तान में दफनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी। उनकी इच्छा के मुताबिक उन्हें दफना दिया गया। इसी कब्रिस्तान में इनके माता-पिता और छोटे भाई को भी दफनाया गया था। पोस्टमॉर्टम के दौरान फरीदाबाद मलयाली एसोसिएशन के सदस्य मौके पर पहुंचे।

बता दें कि दयालबाग के एक फ्लैट में किराए पर रह रहे तीन बहन व एक भाई, मीना मैथ्यूज (42 साल), बीना मैथ्यूज (40 साल), जया मैथ्यूज (39 साल) और प्रदीप मैथ्यूज (37 साल) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। शनिवार सुबह उनके शव फ्लैट से बाहर निकाले गए। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। इनके पिता जेजे मैथ्यूज हरियाणा टूरिज्म के होटल राजहंस से कैप्टन और मां एगनेस मैथ्यूज इसी होटल में हेल्थ क्लब में सहायिका के पद से सेवानिवृत थीं।

सुसाइड नोट व लोगों से पूछताछ में पता चला कि इस परिवार का सबसे छोटा बेटा संजू 2 फरवरी को सड़क हादसे में बुरी तरह घायल हो गया था और बेड पर चला गया था। उसके इलाज में परिवार की सारी जमापूंजी खर्च हो गई।

इस सदमे में अप्रैल में इनके पिता जेजे मैथ्यूज की मौत हो गई। एक महीने बाद इनकी मां एगनेस मैथ्यूज की मौत हुई। फिर जुलाई में संजू की भी मौत हो गई। एक के बाद एक लगे परिवार के सदस्यों की मौत व आर्थिक तंगी से चारों भाई बहन अवसाद में चले गए। उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

बेहद ईमानदार प्रतीत होते थे भाई-बहन
दयालबाग कॉलोनी में सामूहिक आत्महत्या करने वाले चारों भाई-बहन के बारे में सेक्टर-28 चर्च के फादर रवि कोटा का मानना है कि वे बेहद ईमानदार थे। उनका सुसाइड नोट भी इसकी तस्दीक करता है। सुसाइड नोट में उन्होंने इसका पूरा ब्योरा दिया है, जिनसे उन्होंने कर्ज लिया। साथ ही यह भी लिखा है कि कर्ज कैसे उतारा जाए। पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। इसकी सत्यता परखने के लिए फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी। सुसाइड नोट में मकान मालिक के किराए का भी हिसाब-किताब लिखा गया है। बताया है कि इस महीने का किराया वे दे चुके हैं।

खुदकशी के लिए नई रस्सियों का इस्तेमाल
भाई-बहनों ने खुदकशी के लिए प्लास्टिक की नई रस्सियों का प्रयोग किया। रस्सियां मजबूत थीं। दोनों बड़ी बहनें, मीना और बीना डायनिंग हॉल, छोटी बहन जया बैठक और भाई प्रदीप बेडरूम में लटके मिला था। मीना और बीना ने फांसी लगाने के लिए कुर्सियों का प्रयोग किया। पुलिस को उनके पास दो कुर्सियां गिरी मिलीं। जया ने डबल बेड को दोनों तरफ से खिसकाकर बीच में जगह बनाई और उसके बीच में लटकी। प्रदीप ने बेड पर कुर्सी रखकर फांसी लगाई। सभी की जीभ बाहर निकली हुई थीं। पुलिस को बीना व जया के पास काफी मात्र में खून फैला मिला।


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