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EXCLUSIVE: 26 जून को लिखी गई थी 11 मौतों की स्क्रिप्ट, दिन-स्थान और वक्त भी तय था!

रजिस्टर में लिखा है- ‘मोक्ष प्राप्त करना है तो जीवन को त्यागना होगा। जीवन को त्यागने के लिए मौत को गले लगाना होगा।'

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 02 Jul 2018 11:23 AM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 03:49 PM (IST)
EXCLUSIVE: 26 जून को लिखी गई थी 11 मौतों की स्क्रिप्ट, दिन-स्थान और वक्त भी तय था!
EXCLUSIVE: 26 जून को लिखी गई थी 11 मौतों की स्क्रिप्ट, दिन-स्थान और वक्त भी तय था!

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 30 जून और 1 जुलाई की रात को भाटिया परिवार में 11 लोगों की मौत ने दिल्ली-एनसीआर के साथ पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। वहीं, मौत पर 24 घंटे बाद भी रहस्य कायम है। घर में मिले दो रजिस्टर और उन पर लिखी आध्यात्मिक बातें और उन बातों में मोक्ष की कामना का जिक्र जांच में जुटी क्राइम ब्रांच को परेशान कर रहा है। 

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जांच टीम ने जब रजिस्टर के पन्नों को पलटा तो उसमें हैरान करने वाली बातें लिखी थीं- ‘मोक्ष प्राप्त करना है तो जीवन को त्यागना होगा। जीवन को त्यागने के लिए मौत को गले लगाना होगा। मौत को गले लगाने में कष्ट होगा। रजिस्टर में अंतिम बार 26 जून को लिखा गया है- अगर हमें 30 जून को परमात्मा से मिलना है तो हम सब हाथ पांव, मुंह पूरी तरह बांधेंगे ताकि किसी की सुन न सकें। कष्ट से छुटकारा पाना है तो आंखें बंद करनी होंगी।'

किसने लिखी रजिस्टर पर मोक्ष की बातें
वहीं, घर में मिले दो रजिस्टर पर 'मोक्ष, खुदकुशी, रहस्य, अनुष्ठान' जैसी बातों के मद्देनजर पुलिस ने जांच की दिशा बदली है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इस बात की भी जांच की जा रही है कि रजिस्टर पर लिखावट किस व्यक्ति की है? पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि रजिस्टर पर अंतिम बातें किसने लिखीं और यह सब जानकारियां कहां से आईं?

इस परिवार में जान गंवाने वाली एक युवती प्रियंका की हाल ही में सगाई हुई थी। कहां से और किससे प्रियंका की शादी हो रही थी? इसकी भी जांच होगी। परिवार के प्रत्येक सदस्य के मोबाइल फोन के साथ इंटरनेट पर सर्च किए जाने वाले मैटर की भी जांच की जाएगी। हालांकि, इस हादसे वाले घर के बाहर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था, लेकिन आसपास के घरों में लगे कैमरों को भी खंगाला जाएगा। एक शख्स रात 10ः40 बजे खाना देने घर पर आया था,उससे भी पूछताछ की जाएगी। यह भी कहा जा रहा है कि घर में जबरन घुसे जाने की बात सामने नहीं आई है।

हर पहलू को जांचकर निष्कर्ष पर पहुंचेगी टीम
दिल्ली पुलिस की जांच टीम व फोरेंसिक टीम सभी पहलुओं का आकलन करने के बाद अपनी रिपोर्ट देगी। फोरेंसिक टीम एक क्राइम सीन रिक्रिएट करके भी देखेगी कि जो माप उन्होंने लिया है उसके हिसाब से क्या एक ग्रिल पर नौ लोग एक साथ खुदकशी कर सकते हैं।

कांपी विशेषज्ञों की रूह
दिल्ली पुलिस व फोरेंसिक लैब की टीम को घर के अंदर दाखिल होने से पहले तनिक भी आभास नहीं था कि वह अगले ही पल किसी खौफनाक दृश्य को देखने जा रही है। बरामदे में लटके हुए नौ शवों को देखकर पुलिस व फोरेंसिक टीम की रूह कांप गई। नौ शवों के बीच रहकर साक्ष्यों को जुटाना टीम के लिए कतई आसान नहीं था। करीब चार घंटे तक मौके पर एक-एक शव का परीक्षण कर साक्ष्य जुटाने में फोरेंसिक टीम कर्मियों व अधिकारियों के पसीने छूट गए।

बुराड़ी की घटना से डॉक्टर भी हैरान
डॉक्टर यह समझ नहीं पा रहे हैं कि यह घटना पैक्ट सुसाइड (आत्महत्या) है या हत्या। इसलिए डॉक्टर इस मामले पर खुलकर बोलने से कतरा रहे हैं। वैसे डॉक्टर कहते हैं कि कई परिवारों में सामूहिक आत्महत्या की घटनाएं हुई हैं पर यह घटना बहुत अलग है। मानव व्यवहार व संबद्ध विभाग संस्थान (इहबास) के निदेशक डॉ. निमेष जी देसाई ने कहा कि पारिवारिक सामूहिक आत्महत्या की घटनाएं होती हैं। मानसिक अवसाद से पीड़ित होने के कारण ऐसा होता है। गरीबी व आर्थिक परेशानी इसका कारण होता है, लेकिन एक साथ इतने लोगों की मौत की घटना बहुत दुर्लभ है। इसका अध्ययन होना चाहिए। डॉक्टर कहते हैं कि किसी घटना में दो या दो से अधिक लोगों द्वारा खुदकशी के मामलों को पैक्ट सुसाइड कहा जाता है। ऐसे मामलों में लोग आपस में पहले से तय कर लेते हैं कि आत्महत्या कैसे करनी है। ऐसी घटनाओं में लोग फांसी के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

इन सवालों के तलाशने होंगे जवाब
1.बुराड़ी के एक घर में ग्रिल से लटके हुए नौ शवों को लेकर सभी के दिमाग में पहला सवाल यही है कि यह कैसे संभव हुआ होगा। आखिर कैसे संभव है कि एक ही परिवार के 11 लोगों ने फांसी लगाकर खुदकशी कर ली। दिल्ली पुलिस की जांच टीम व फोरेंसिक टीम की पूरी जांच इसी गुत्थी को सुलझाने पर टिकी है।
2. फोरेंसिक टीम ने मौके पर शवों का हर एंगिल से न सिर्फ माप लिया, बल्कि फोटोग्राफी भी कराई। टीम ने जांच के दौरान बारीकी से देखा कि एक शव से दूसरे शव के बीच की दूरी कितनी थी?
3. शवों के पैर जमीन से कितने ऊपर थे? हाथों को कैसे बांधा गया था? इतना ही नहीं, अगर घटना खुदकशी की है तो क्या एक साथ नौ लोग इस तरह से खुदकशी कर सकते हैं या नहीं?
4. बरामदे में मिले 10 शवों में से दो के हाथ खुले मिले हैं, जबकि आठ के हाथ बंधे मिले। इस पहलू पर भी टीम जांच कर रही है।
5. माप के साथ ही टीम ने अलग-अलग एंगिल से पूरे क्राइम सीन की फोटोग्राफी कराई, ताकि हर पहलू की जांच की जा सके।
6. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह साफ हो सकेगा कि क्या सभी मृतकों की मौत एक ही समय पर हुई है या फिर अलग-अलग। एक-दूसरे की मौत के समय में कितना अंतर है।


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