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इन दिनों खूब चर्चा में है भोजपुरी का यह गीत, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी का भी जिक्र

पहली बार तीन भाषाओं भोजपुरी स्पैनिश और अंग्रेजी में लिखे इस गाने में आपको झारखंड की सांस्कृतिक विरासत उसके महत्व को जानने का मौका मिल रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 09:32 AM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 09:36 AM (IST)
इन दिनों खूब चर्चा में है भोजपुरी का यह गीत, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी का भी जिक्र
इन दिनों खूब चर्चा में है भोजपुरी का यह गीत, क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी का भी जिक्र

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। भोजपुरी गाने तो आपने खूब सुने होंगे। गाए भी होंगे। भले ही गीत के कुछ बोल समझ न आए हों, पर उसके संगीत ने थिरकने पर मजबूर भी किया होगा। इन दिनों यूट्यूब पर एक ऐसा ही भोजपुरी गीत छाया हुआ है, जिसमें भोजपुरी के साथ-साथ स्पेनिश और अंग्रेजी के शब्द तो मिलेंगे ही साथ ही खेल, उत्सव, इतिहास और संस्कृति की भी झलक मिलेगी। ...रंग न बदलल, रूप न बदलल, न बदलल पुरवइया, देख झूमरी तलैया, कथा सुनाई माई सुगना के गीत गवाई टेसुआ के विक्टोरिया के नाच नचवलस माटी बिरसा मुण्डा के देख झूमर पे ताताथैया बोले झुमरी तलैया...इस गीत ने अपने अनोखेपन के कारण दर्शकों के बीच धमाल मचा दिया है। ‘विक्टोरिया के नाच-नचवलस, माटी बिरसा मुण्डा के’ शीर्षक इस गाने को दिल्ली निवासी पेशे से पत्रकार प्रमोद कुमार ने लिखा है।

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पहली बार तीन भाषाओं, भोजपुरी, स्पैनिश और अंग्रेजी में लिखे इस गाने में आपको झारखंड की सांस्कृतिक विरासत, उसके महत्व को जानने का मौका तो मिलेगा ही राज्य के युवा वर्ग (खासतौर पर लड़कियों) में फुटबॉल के प्रति दीवानगी और स्पेन जाकर फुटबॉल प्रशिक्षण की जिद, स्टार क्रिकेटर महेंद्र सिंह धौनी की कहानी से भी रूबरू होंगे।

मिलेगी उत्सवों की जानकारी

प्रमोद ने झारखंड की युवा लड़कियों का विश्व फुटबॉल टाइटल जीतने से लेकर, भगवान बिरसा मुण्डा और उनकी माता का बखान, झारखंड के उत्सवों की जानकारी, झुमरी तलैया का इतिहास, टाटा-बिड़ला का पूजनीय देव-भूमि में योगदान आदि को गाने में ढालने का प्रयास किया है। स्पेनिश शब्दों के प्रयोग पर प्रमोद कहते हैं कि झारखंड जैसे आदिवासी इलाके से स्पेन जाकर फुटबॉल सीखना हर लड़की का सपना होता है। कुछ वर्ष पहले एक संस्था यहां से लड़कियों को स्पेन में एक इवेंट में ले जाने वाली थी। जब ये लड़कियां दस्तावेज बनवाने सरकारी दफ्तर गईं तो अधिकारियों ने इनके साथ बुरा बर्ताव किया। उनसे यहां तक कहा गया कि तुम सब कहां जाओगी खेलने। लड़कियों से झाड़ू-पोछा तक लगवाया गया। उन्हें थप्पड़ भी मारा। लेकिन जब ये लड़कियां स्पेन से टूर्नामेंट जीत कर आईं, तब इन्हें अपमानित करने वाले अधिकारी जीत का श्रेय लेने में जुट गए। यही वजह थी कि मैंने इस गाने में इन आदिवासी लड़कियों का जिक्र किया है। 

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