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दिल्ली-एनसीआर में शुरू हुई ऑनलाइन कबाड़ी सेवा, जानिये- इसकी खूबियां

दिल्ली-एनसीआर के लोग अपनी सुविधानुसार कबाड़ी को घर-दुकान पर बुला सकते हैं और उचित दाम पर रद्दी से लेकर ई-कचरा आदि बेच सकते हैं।

By Edited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 08:10 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 01:34 PM (IST)
दिल्ली-एनसीआर में शुरू हुई ऑनलाइन कबाड़ी सेवा, जानिये- इसकी खूबियां
दिल्ली-एनसीआर में शुरू हुई ऑनलाइन कबाड़ी सेवा, जानिये- इसकी खूबियां

नई दिल्ली (मनु त्यागी)। दिल्ली के तीन युवाओं ने स्टार्टअप के जरिये ऑनलाइन कबाड़ी सेवा उपलब्ध कराई है। दिल्ली-एनसीआर के लोग अपनी सुविधानुसार कबाड़ी को घर-दुकान पर बुला सकते हैं और उचित दाम पर रद्दी से लेकर ई-कचरा आदि बेच सकते हैं। जंकआर्ट मोबाइल एप पर कॉल करने के बाद कंपनी का प्रशिक्षित कर्मी (वेंडर) नियत समय पर घर-दुकान पहुंच जाएगा। अच्छी बात यह कि ले जाए गए कबाड़ का समुचित निपटान भी जंकआर्ट द्वारा किया जाएगा। रीसाइकिल होने वाले कबाड़ को रीसाइकिल किया जाएगा।

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नीरज गुप्ता कहते हैं, घर में कूड़े के नाम पर सिर्फ रसोई से निकलने वाला कचरा नहीं होता, अखबार, प्लास्टिक के अलावा ई-कचरा भी होता है। तभी आज भारत, दुनिया में सबसे ज्यादा ई-कचरा पैदा करने वाले देशों में पाचवें नंबर पर पहुंच गया है। जितनी तेजी से हम तकनीक के साथी और आदी हुए हैं, उतनी ही तेजी से ई-कचरा देश के वर्तमान और भविष्य के लिए चुनौती भी बन रहा है।

दिल्ली के नीरज गुप्ता, प्रशात द्विवेदी और शैलेंद्र यादव की तिकड़ी ने जंकआर्ट की शुरुआत 2016 में की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के पूर्व छात्र नीरज और उनके दोनों दोस्त पढ़ाई पूरी करने के बाद एक अच्छी शुरुआत चाहते थे। अच्छी खासी नौकरी भी मिल गई थी, लेकिन चाह थी कुछ अलग करने की। कुछ ऐसा करना चाहते थे, जो सार्थक हो। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में स्टार्टअप का विचार आया।

महानगरीय लोगों को ऑनलाइन कबाड़ी सेवा उपलब्ध कराने की ठानी और जंकआर्ट के रूप में स्टार्टअप शुरू कर दिया। नीरज कहते हैं, घर हो या कार्यालय सभी जगह से बहुत अधिक मात्रा में ऐसा कूड़ा निकल रहा है जिसे रीसाइकिल किया जा सकता है।

दिल्ली-एनसीआर में ही रोज उठने वाले हजारों टन कूड़े में 40 फीसद तक रीसाइकिल हो सकता है, लेकिन सही जगह तक नहीं पहुंच पाता। जंकआर्ट एक ऐसा सुलभ मोबाइल एप है जिसके जरिये आराम से घर का कूड़ा, उचित दाम पर तो दे ही सकते हैं, इस बात से भी आश्वस्त हो सकते हैं कि उसे रीसाइकिल भी किया जाएगा।

जंकआर्ट के सह-संस्थापक नीरज गुप्ता कहते हैं फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में 150 वेंडर्स जुड़े हुए हैं। लोगों में काफी जागरूकता भी है। अब तक 5500 लोग इस मोबाइल एप के जरिए रीसाइकिल के लिए कबाड़ बेच चुके हैं। प्ले स्टोर पर मोबाइल एप पर सैकड़ों लोगों ने फीडबैक भी दिए हैं।

दक्षिणी दिल्ली से शुरू होने वाला जंकआर्ट का सफर आज पूरे दिल्ली-एनसीआर में तो अपनी जगह बना चुका है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में धीरे-धीरे कदम बढ़ रहे हैं। फिलहाल जंकआर्ट एक हजार से ज्यादा कबाड़ वेंडर से मजबूत संबंध स्थापित कर चुका है।


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