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Inside Story : पढ़़िए- कैसे 3 मोबाइल फोन में छिपा हो सकता है गुरुग्राम ट्रिपल मर्डर का राज

जानकारी सामने आ रही है कि तीनों की हत्या करने के बाद आरोपित डॉक्टर प्रकाश सिंह कुछ देर तक शांत रहे फिर आत्महत्या करने से पहले तीनों के फोन को नष्ट करने की कोशिश की।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 03 Jul 2019 09:36 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2019 09:36 AM (IST)
Inside Story : पढ़़िए- कैसे 3 मोबाइल फोन में छिपा हो सकता है गुरुग्राम ट्रिपल मर्डर का राज
Inside Story : पढ़़िए- कैसे 3 मोबाइल फोन में छिपा हो सकता है गुरुग्राम ट्रिपल मर्डर का राज

नई दिल्ली, जेएनएन। Gurugram triple murder and suicide case: दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम के सेक्टर-50 थाना क्षेत्र के उप्पल साउथ एंड के एस ब्लॉक हुए ट्रिपल मर्डर और सुसाइड केस में जांच आगे बढ़ने के साथ कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों की मानें तो हत्या का राज पत्नी सोनू उर्फ कोमल सिंह, बेटे आदित्य और बेटी अदिति के फोन की कॉल डिटेल से खुल सकता है। जानकारी सामने आ रही है कि तीनों की हत्या करने के बाद आरोपित डॉक्टर प्रकाश सिंह कुछ देर तक शांत रहे फिर आत्महत्या करने से पहले तीनों के फोन को नष्ट करने की कोशिश की। पुलिस के सामने यह सवाल उठ रहा है कि आखिर प्रकाश सिंह ने तीनों के फोन को नष्ट करने की कोशिश क्यों ? जांच टीम ने सोनू सिंह, आदित्य और अदिति के फोन प्लास्टिक कंटेनर में पानी में मिले। इससे पुलिस अनुमान लगा रहा है कि ऐसा प्रकाश सिंह ने जानबूझ कर किया, जिससे फोन के डाटा का उड़ाया जा सके। वहीं, पुलिस का कहना है कि तीनों फोन हत्या की गुत्थी को सुलझा सकते हैं।

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यहां पर बता दें कि वैज्ञानिक श्रीप्रकाश सिंह (55) ने रविवार रात को पत्नी सोनू, बेटे आदित्य और बेटी अदिति को इतनी बेरहमी से मारा कि देखने वालों के होश उड़ गए। पुलिस भी शवों का हाल देखकर हैरान रह गई। इसी के साथ पुलिस को श्रीप्रकाश की जेब से सुसाइड नोट मिला है। इससे उन्होंने हत्या के लिए परिवार को संभाल नहीं पाने को एक वजह बताया था।

घटना का खुलासा सोमवार सुबह उस वक्त हुआ था जब सुबह जब खाना बनाने के लिए नौकरानी मधु वैज्ञानिक श्रीप्रकाश सिंह के घर पहुंची थी। दरवाजा खटखटाने के बावजूद किसी ने दरवाजा नहीं खोला। नौकरानी ने श्रीप्रकाश सिंह के मोबाइल पर फोन किया तो घंटी बजती रही, लेकिन उठाया नहीं। अनहोनी की आशंका पर मधु ने पड़ोसियों को सूचना दी। उनकी सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और एक व्यक्ति को बाथरूम की खिड़की से घर के अंदर प्रवेश करवाया।

गुरुग्राम में डॉ. श्रीप्रकाश और परिजन का हुआ अंतिम संस्कार

पॉश कॉलोनी उप्पल साउथएंड स्थित अपने निवास पर पत्नी और बेटा-बेटी की हत्या कर खुद आत्महत्या करने वाले डॉ. श्रीप्रकाश सिंह व बाकी शवों का मंगलवार को दाह संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार सेक्टर 32 स्थित श्मशान घाट में किया गया। अंतिम यात्र में श्रीप्रकाश सिंह की तीन बहनें व बहनोई के अलावा उनकी पत्नी सोनू सिंह की दो बहनें और बहनोई मौजूद रहे। उप्पल साउथएंड आरडब्लूए की टीम के साथ सोसायटी के काफी लोग भी श्मशान घाट पहुंचे।

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला के रघुनाथपुर गांव निवासी डॉ. श्रीप्रकाश सिंह यहां उप्पल साउथएंड के एस- 299 के ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे। वह एक नामी फार्मा कंपनी में उच्च पद पर रह चुके थे। करीब दो माह से घर पर ही रह रहे थे। डॉ.श्रीप्रकाश (55) ने रविवार की देर रात अपनी पत्नी सोनू सिंह (49), बेटी अदिति (21) व बेटे आदित्य (12) की हथौड़े व चाकू से वार कर हत्या करने के बाद फांसी लगा आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने चारों के शवों का सोमवार को ही पोस्टमार्टम करा दिया था। चारों शव मंगलवार को श्रीप्रकाश के बहनों व बहनोइयों को सौंप दिए गए। सेक्टर 32 स्थित श्मशान घाट में चारों शवों की अलग-अलग चिता लगाकर अंतिम संस्कार किया गया।

सोनू सिंह के भाई के नहीं आने पर सोमवार को नहीं हुआ संस्कार

वैज्ञानिक डॉ. श्रीप्रकाश की पत्नी सोनू सिंह के भाई अमेरिका में रहते हैं। सोमवार को उन्हें इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिली तो वह तुरंत गुरुग्राम आने को तैयार हो गए थे, मगर समय पर फ्लाइट न मिलने के कारण नहीं आ सके। उन्होंने अपने रिश्तेदारों से नहीं पहुंचने तक अंतिम संस्कार न किए जाने का आग्रह किया था, जिसके चलते ही सोमवार को अंतिम संस्कार न करने का फैसला लिया गया था। मंगलवार सुबह सोनू सिंह के भाई ने रिश्तेदारों को बताया कि वह बुधवार को पहुंच पाएंगे इसलिए अंतिम संस्कार करा दें।

पुलिस की देखरेख में है अभी श्रीप्रकाश का फ्लैट

सोमवार को एस 299 फ्लैट से शव कब्जे में लेकर पुलिस ने ताला लगा दिया। देखरेख के लिए दो पुलिसकर्मी भी तैनात हैं। पुलिस का कहना है कि मकान की चाबी उनके कानूनी वारिसों को सौंपी जाएगी। अभी यह जांच की जानी है कि फ्लैट किसकी संपत्ति है। मकान मालिक डॉ. श्रीप्रकाश हैं तो उनकी तीन बहनें उसकी वारिस होंगी।

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