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बिहार की ट्रांसजेंडर रेशमा का दूर तक जलवा, 'नाच बाजा डॉट कॉम' के जरिये किया चकित

नाच बाजा डॉट कॉम देश का पहला ट्रांसजेंडर स्टार्टअप है जो हेय समझने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय को सम्मानजनक जीवन देने में सहायक बन रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 12:07 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 01:16 PM (IST)
बिहार की ट्रांसजेंडर रेशमा का दूर तक जलवा, 'नाच बाजा डॉट कॉम' के जरिये किया चकित
बिहार की ट्रांसजेंडर रेशमा का दूर तक जलवा, 'नाच बाजा डॉट कॉम' के जरिये किया चकित

नई दिल्ली (नेमिष हेमंत)। दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित स्टार्टअप एक्सपो में 400 स्टॉलों के बीच बिहार की ट्रांसजेंडर रेशमा का स्टार्टअप देशी-विदेशी दर्शकों व निवेशकों को आश्चर्य में डाल रहा था। जहां अन्य स्टॉलों में पुरुष और महिलाएं हैं, वहीं इस स्टॉल पर ट्रांसजेंडर। बिहार के पटना की रेशमा और उनकी कुछ ट्रांसजेंडर दोस्त 'नाच बाजा डॉट कॉम' के साथ इस एक्सपो में विश्वास और गर्व के साथ खड़ी हैं।

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उनका दावा है कि यह देश का पहला ट्रांसजेंडर स्टार्टअप है जो हेय समझने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय को सम्मानजनक जीवन देने में सहायक बन रहा है। यह ट्रांसजेंडर की कला को एक मंच देते हुए उन्हें अनोखा बिजनेस मॉडल दे रहा है। इस कारण यह स्टार्टअप इस समुदाय के जीवन में अहम बदलाव लाने वाला माना जाने लगा है।

एक्सपो में काफी लोग रेशमा के कामकाज को समझने के साथ उनका उत्साहवर्धन कर रहे थे। लुफ्तांसा एयरलाइंस गु्रप के वरिष्ठ निदेशक (दक्षिण एशिया) वुल्फगैंग विल ने तो कहा कि उनकी कंपनी एयरलाइंस में ट्रांसजेंडर्स को नौकरी देने पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगी।

'नाच बाजा डॉट कॉम' की संस्थापक रेशमा बताती हैं कि यह ट्रांसजेंडर्स द्वारा अपने वर्ग की उन्नति और सम्मानजनक जीवन देने की एक व्यवस्था है, जो लोकप्रिय हो रहा है। अभी ऑफलाइन इस व्यवस्था को दिसंबर तक ऑनलाइन करने की तैयारी है, जिससे देश-विदेश के ट्रांसजेंडर्स को नया बिजनेस अनुभव मिलेगा। अभी ही इससे बिहार, उत्तर प्रदेश व दिल्ली सहित दक्षिण के राज्यों से 1500 से अधिक ट्रांसजेंडर जुड़ चुके हैं। इनमें अच्छे शास्त्रीय गायक, नृत्यांगना से लेकर वाद्य यंत्र बजाने वाले कुशल ट्रांसजेंडर हैं।

अभी तक इसके माध्यम से डेढ़ सौ से ज्यादा उत्सवों में ट्रांसजेंडरों को काम मिला है। अगर किसी को उत्सव में ट्रांसजेंडर कलाकार की आवश्यकता है तो वह उनके ग्रुप से संपर्क स्थापित कर सकता है। ऐसे में कलाकार और आयोजकों में सीधे करार होता है और बिचौलियों को जाने वाला आधे से अधिक पैसा भी अब सीधे कलाकार को ही मिल रहा है। संस्था मात्र 100 रुपये आयोजक से बतौर रजिस्ट्रेशन लेती है। इस स्टार्टअप को बिहार सरकार ने भी चुना है।

स्टार्टअप एक्सपो की द इंडस इंटरप्रेन्योर (टीआइई) की कार्यकारी निदेशक गीतिका दयाल के मुताबिक, अब सही तरीके से स्टार्टअप योजना निखरकर सामने आ रही है। छोटे-छोटे शहरों से यूनिक आइडिया लेकर युवा आ रहे हैं और इस तरह के आयोजनों से उनकी योजनाओं में निवेश करने वाले लोग भी जुड़ रहे हैं।


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