CAA Protest: मुस्लिमों का बड़ा नेता बनना चाहता था शरजील इमाम, जिन्ना व एक कवि से था प्रभावित
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेएनयू का शोध छात्र शरजील का एक खास विचारधारा के प्रति खासा झुकाव है।
नई दिल्ली [संतोष शर्मा]। देशद्रोह का आरोपित जेएनयू का शोध छात्र शरजील इमाम मुस्लिमों का बड़ा नेता बनना चाहता था। वह जहां पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के द्विराष्ट्र के सिद्धांत से प्रभावित था। वहीं, अविभाजित भारत के प्रसिद्ध कवि, नेता और दार्शनिक मोहम्मद इकबाल के विचार से भी प्रेरित है। इकबाल के नेतृत्व में ही मुस्लिम लीग ने भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले रखा था।
क्राइम ब्रांच के साथ ही स्पेशल सेल की टीम भी आरोपित से लगाता पूछताछ कर रही है। स्पेशल सेल यह पता लगाने में जुटी है कि गत दिनों शरजील द्वारा दिए गए भड़काऊ भाषण के लिए कहीं विदेशों से तो फंडिंग नहीं की गई थी। उसके आतंकी संगठन से जुड़ाव की भी जांच की जा रही है।
जिन्ना और मोहम्मद इकबाल के विचार से प्रेरित है शरजील
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जेएनयू का शोध छात्र शरजील का एक खास विचारधारा के प्रति खासा झुकाव है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि वह पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के द्विराष्ट्र के सिद्धांत के अलावा प्रसिद्ध कवि मोहम्मद इकबाल के विचार से खासा प्रेरित है। वह मुस्लिम मुद्दे पर खासी कट्टर सोच रखता है। उसके इस तरह के विचार वाले लेख कई अंग्रेजी अखबारों में प्रकाशित भी हो चुके हैं।
लोकप्रिय होने के लिए देने लगा भड़काउ भाषण
वहीं, वह अपने वाट्सएप के माध्यम से भड़काऊ विचार कई मुस्लिम युवाओं को भेजता रहता था। शरजील के पिता और चाचा बिहार में चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर राजनीति ना कर आरोपित की मंशा उत्तरी भारत में मुस्लिमों का बड़ा नेता बनने का था।
इसी दौरान सीएए के विरोध में जगह-जगह मुस्लिम समुदाय द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान उसे एक बड़ा मौका मिला गया। ज्यादा लोकप्रिय होने के लिए उसने सभा में भड़काऊ भाषण देना शुरू कर दिया। शरजील ने 13 दिसंबर को सबसे पहले नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया में हुए प्रदर्शन में देश विरोधी भाषण दिया था।
दिल्ली समेत 5 राज्यों में दर्ज हैं मामले
शाहीनबाग धरना में भी समुदाय विशेष के छात्रों व स्थानीय लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काया था। 16 जनवरी को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में उसने करीब एक घंटे तक भड़काऊ भाषण दिया था। इस दौरान उसने असम को देश से अलग करने का बयान दिया था। इस भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। जिसके बाद लोगों का ध्यान शरजील पर गया था। वहीं, दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों में भी जहां भी सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए बतौर मुख्य वक्ता बनकर उसने सभी जगह लोगों को भड़काने का काम किया था। इसके बाद दिल्ली सहित अन्य पांच राज्यों में शरजील के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
एफआईआर होने के बाद भूमिगत हो गया
25 जनवरी को पटना के फुलवारी शरीफ में सीएए-एनआरसी के विरोध में चल रहे धरने में भाषण देने के दौरान उसे पता चला था कि उसके खिलाफ एफआईआर हो गई है। जिसके बाद वह भूमिगत हो गया था। फुलवारी शरीफ में ही उसने अपना मोबाइल बंद कर वह जहानाबाद स्थित अपने गांव काको पहुंच गया था। बाद में क्राइम ब्रांच ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर उसे उसके गांव से गिरफ्तार किया था। दिल्ली लेकर आने के बाद से क्राइम ब्रांच उससे गहन पूछताछ कर रही है।
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