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दिल्ली के 40 लाख लोगों के अवैध मकान होंगे वैध, 1797 अनधिकृत कॉलोनियों की होगी रजिस्ट्री

सरकार का फैसला इस लिहाज से ऐतिहासिक है कि चाहे मकान सरकारी जमीन पर बनाए गए हों या निजी जमीन पर सभी को मालिकाना हक मिलेगा।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 09:37 AM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 09:37 AM (IST)
दिल्ली के 40 लाख लोगों के अवैध मकान होंगे वैध, 1797 अनधिकृत कॉलोनियों की होगी रजिस्ट्री
दिल्ली के 40 लाख लोगों के अवैध मकान होंगे वैध, 1797 अनधिकृत कॉलोनियों की होगी रजिस्ट्री

नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली की 1797 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के एलान ने 40 लाख से अधिक परिवारों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। दरअसल, केंद्र सरकार ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय राजधानी की करीब 1797 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला किया है।

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ऐसे में दिल्ली के करीब 40 लाख लोगों को अपने मकान और फ्लैट का मालिकाना हक मिल जाएगा। सरकार का फैसला इस लिहाज से ऐतिहासिक है कि चाहे मकान सरकारी जमीन पर बनाए गए हों या निजी जमीन पर, सभी को मालिकाना हक मिलेगा। दिल्ली में बीते दो दशकों से अवैध कॉलोनियों के मसले पर जमकर सियासत हुई है। ऐसे में केंद्र का यह बड़ा कदम दिल्ली में भाजपा की सियासत के लिए मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।

शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कैबिनेट के फैसले का ब्योरा देते हुए कहा कि 67 कॉलोनियों के अलावा प्रभावशाली इलाके के रूप में चर्चित अनंत राम डेरी, सैनिक फार्म और महेंद्रू एंक्लेव को फिलहाल नियमित किए जाने वाली कॉलोनियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों को वैध कराने का यह फैसला एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है और भविष्य के लिहाज से यह एक बेहद दूरदर्शी व क्रांतिकारी फैसला है।

हरदीप सिंह पुरी ने अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की दिशा में दिल्ली सरकार की उदासीनता की ओर इशारा करते हुए कहा कि 2011 से ही यह मसला अटका पड़ा था। इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए सीमांकन से लेकर तमाम जरूरी बुनियादी काम दिल्ली सरकार को करने थे, मगर वो अभी तक नहीं हो पाए हैं। दिल्ली सरकार ने इसके लिए 2021 तक समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध कर रखा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल से कई बार इन कॉलोनियों को नियमित करने की उनकी जिम्मेदारी की ओर इशारा किया, मगर बात आगे नहीं बढ़ी। दिल्ली सरकार सीमांकन के लिए सलाहकार कंपनी तक का चयन नहीं कर पाई। इसीलिए अब हमने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के जरिये फिलहाल निम्न आय वाले लोगों की 1797 कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। संसद में बिल आने से पहले ही डीडीए नियमित करने की प्रक्रिया तत्काल शुरू कर देगा। नियमित की जाने वालीं कॉलोनियों की संख्या कुछ और बढ़ सकती है।

नहीं डालेंगे ज्यादा आर्थिक बोझ

हरदीप पुरी के अनुसार प्रॉपर्टी वैध कराने के लिए मकान मालिकों पर ज्यादा आर्थिक बोझ नहीं डाला जाएगा। उनके पास एक साल में तीन समान किस्तों में नियमितीकरण शुल्क चुकाने का विकल्प होगा। पूरा शुल्क एकमुश्त चुकाने वाले को मालिकाना हक तत्काल मिलेगा। दो किस्तें चुकाने पर प्रोविजिनल राइट मिलेगा। पूरे भुगतान के बाद इसे पूर्ण मालिकाना हक घोषित किया जाएगा।

यह भी जानें

  • इमारत सरकारी जमीन पर हो या निजी पर सबको मालिकाना हक, शीतकालीन सत्र में केंद्र लाएगा बिल
  • ’ अनंत राम डेरी, सैनिक फार्म, महेंद्रू एंक्लेव समेत 67 कॉलोनियां सूची में नहीं हैं शामिल
  • श्रेय की सियासी जंग होगी शुरू
  • दिल्ली सरकार ने नवंबर 2015 में राजधानी की इन अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा था। चुनाव से पहले केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के बाद दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी सरकार और भाजपा के बीच श्रेय लेने की सियासी जंग शुरू होनी तय है।
  • सर्किल रेट भी होगा कम
  • पुरी ने कहा कि सरकारी जमीन पर बने 100 वर्गमीटर के मकानों को सर्किल रेट का आधा फीसद (0.5) शुल्क लेकर नियमित किया जाएगा। 100 से 250 वर्गमीटर के मकानों के लिए सर्किल रेट का एक फीसद और 250 वर्गमीटर से अधिक के मकानों के लिए 2.5 फीसद शुल्क लेकर नियमित किया जाएगा, जबकि निजी जमीन पर बने मकानों को सर्किल रेट के आधे पर इसी दर से नियमित किया जाएगा।

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