Kisan Tractor Rally: किसानों ने तोड़ा रूट प्लान, राजधानी की सड़कों पर दौड़ाए ट्रैक्टर, जमकर किया उत्पात
कृषि कानूनों को खत्म किए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान आक्रामक हो गए। पुलिस ने किसानों को तीन रूटों पर सशर्त ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए इजाजत दी थी मगर किसानों ने पुलिस के साथ मीटिंग में तय हुई कोई बात नहीं मानी।
नई दिल्ली, ऑनलाइऩ डेस्क। तीन कृषि कानूनों को खत्म किए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान मंगलवार को आक्रामक हो गए। पुलिस ने किसानों की मांग को मानते हुए उनको तीन रूटों पर सशर्त ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए इजाजत दी थी मगर किसानों ने पुलिस के साथ मीटिंग में तय हुई कोई बात नहीं मानी।
उन्होंने पुलिस की बातों को ठेंगे पर रखा, अपनी मनमर्जी से राजधानी की तमाम सड़कों पर ट्रैक्टर रैली निकाली और जमकर हंगामा किया। जहां पुलिस कमजोर पड़ी वहां उनके साथ दो-दो हाथ तक करने से बाज नहीं आए। इतना ही नहीं लाल किले की प्राचीर तक पहुंचकर सारे पैमानों को तोड़ दिया।
किसानों ने यहां झंडा फहराया, जब एक जगह झंडा फहराकर उनका मन नहीं भरा तो उन्होंने दूसरी प्राचीरों पर भी पहुंचकर झंडा फहराया। इसके अलावा लाल किले में गेट को भी नुकसान पहुंचाया। एक समय ऐसा भी हो गया जब किसानों ने लाल किले के गेट को बंद करके कब्जा करने की कोशिश की, पुलिस ने अपनी संख्या में इजाफा किया उसके बाद इन किसानों को वहां से बाहर निकाल पाई। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब लाल किले से पीएम के अलावा किसी ने उस स्थान से झंडा फहराने का दुस्साहस किया है।
और तो और किसानों ने लाल किले में एक घंटे से अधिक समय तक यहां उपद्रव मचाए रखा। पुलिस के साथ हुई मीटिंग में दिल्ली के रिंग रोड पर किसानों को रैली निकालने की इजाजत दी गई थी ये भी तय किया गया था कि जब राजपथ पर परेड खत्म हो जाएगी उसके बाद पुलिस की निगरानी में रैली होगी मगर सुबह 8 बजे से ही सभी सीमाओं पर किसान आक्रामक हो गए और दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर गए। उसके बाद हंगामे और उत्पात का दौर शुरू हुआ। किसानों के उत्पात से एक समय ऐसा आया कि राजधानी के लाखों लोग सहम गए।
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