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Kisan Andolan: जानिए किसान नेता राकेश टिकैत ने क्यों कहा कि आखिर यह छलावा नहीं तो और क्या?

Kisan Andolan इन किसानों के धरने की वजह से दिल्ली की कुछ सीमाओं के आसपास रहने वालों का रोजगार बंद हो चुका है छोटे-मोटे होटल रेस्टोरेंट जैसी दुकानें बंद हो चुकी हैं। पेट्रोल पंपों पर पहले जितनी बिक्री होती थी वो भी खत्म हो गई है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 04:39 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 04:39 PM (IST)
Kisan Andolan: जानिए किसान नेता राकेश टिकैत ने क्यों कहा कि आखिर यह छलावा नहीं तो और क्या?
किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है।

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Kisan Andolan: किसान नेता राकेश टिकैत केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को खत्म किए जाने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। सरकार किसानों के हित के लिए अब तक कई बार कई घोषणाएं कर चुकी है इसके अलावा उनको फसल पर दी जाने वाली एमएसपी में भी बढ़ोतरी कर चुकी है मगर राकेश टिकैत सरकार से किसी तरह से संतुष्ट होते नहीं दिखते हैं।

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बीते 9 माह से दिल्ली की सीमाओं को जाम करके किसान धरना देकर प्रदर्शन कर रहे हैं, अब तक करोड़ों रूपये का नुकसान कर चुके हैं, इन किसानों के धरने की वजह से दिल्ली की कुछ सीमाओं के आसपास रहने वालों का रोजगार बंद हो चुका है, छोटे-मोटे होटल, रेस्टोरेंट जैसी दुकानें पूरी तरह से बंद हो चुकी हैं। पेट्रोल पंपों पर पहले जितनी बिक्री होती थी वो भी खत्म हो गई है। बार्डर पर बने पेट्रोल पंपों पर जहां भारी वाहनों की लाइन लगती थी अब वो खाली पड़े होते हैं। आसपास के गांवों के रहने वाले भी इन आंदोलनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, किसानों के साथ उनकी मीटिंग भी हो चुकी है मगर कोई नतीजा नहीं निकला है।

खैर राकेश टिकैत केंद्र सरकार की हर योजना का विरोध ही करते दिखे हैं और उसमें कोई न कोई कमी निकालते रहते हैं। अब एक बार फिर उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि केन्द्र सरकार ने कहा था कि साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी जबकि NSO की रिपोर्ट 2019 बता रही है कि 6 साल में किसान की खेती से होने वाली आय 48% से घटकर 38% रह गई। आखिर वो कौन सी जादुई छड़ी है जिससे 3 माह बाद आमदनी दोगुना हो जाएगी। आखिर यह छलावा नहीं तो और क्या?

इससे पहले भी उन्होंने एक ट्वीट किया था जिसमें देश के कुछ राज्यों के किसानों को फलों के दामों को लेकर तुलना की थी। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि हिमाचल के किसान को सेब का दाम नहीं, मध्य प्रदेश में मिर्च का दाम नहीं, महाराष्ट्र के नासिक में टमाटर का दाम नहीं आखिर कहां जाए किसान, पूछता है किसान, सरकार क्यों नहीं फिक्स करती फल और सब्जियों के दाम। फलों के ट्वीट के बाद अब उन्होंने एनएसओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया है और पूछा है कि 3 माह बाद आमदनी दोगुनी कैसे हो जाएगी। सरकार इसका कोई नया फार्मूला बताएगी।

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