Kisan Andolan: यूपी गेट पर भीड़ बढ़ाने के लिए जुगत लगा रहे प्रदर्शनकारी नेता
तीन कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर से यूपी गेट पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों के माथे पर लगातार घट रही भीड़ के कारण चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं। प्रदर्शनकारियों के नेता अब धरनास्थल पर भीड़ जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। तीन कृषि कानूनों के विरोध में 28 नवंबर से यूपी गेट पर धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों के माथे पर लगातार घट रही भीड़ के कारण चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं। प्रदर्शनकारियों के नेता अब धरनास्थल पर भीड़ जुटाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वह तमाम तरह की जुगत लगा रहे हैं। ये लोग लगातार अलग-अलग स्थानों पर जाकर लोगों के साथ बैठक कर रहे हैं और उनसे धरनास्थल पर आने की अपील कर रहे हैं।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य नेता लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं। हालांकि उनकी अपील का कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुए उपद्रव के बाद से ही अधिकांश प्रदर्शनकारी धरना स्थल को छोड़कर चले गए थे। इसके बाद बढ़ती हुई गर्मी के कारण लोग अपने घरों को जा रहे हैं।
यही कारण है कि धरनास्थल पर लगातार लोगों की भीड़ कम होती जा रही है। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी नेता लगातार लोगों से धरनास्थल पर आने की अपील कर रहे हैं लेकिन उनकी अपील का कोई खास असर नहीं हो रहा है। इसके चलते प्रदर्शनकारी नेता खासे परेशान लग रहे हैं।
उधर आंदोलन के कारण हो रहे नुकसान को देखते हुए बीते सोमवार को किसान सड़क पर उतर आए थे। दिल्ली के गांव झाड़ौदा कलां के किसानों ने बार्डर खुलवाने की मांग करते हुए सुबह 10 बजे नजफगढ़-बहादुरगढ़ रोड स्थित मुंगेशपुर ड्रेन पुल पर चार घंटे जाम भी लगाया था और नारेबाजी की थी।
इस दौरान उनके निशाने पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत रहे। उनका कहना था कि राकेश टिकैत की वजह से ही हम नुकसान सहने को मजबूर हैं। प्रदर्शन में शामिल मौजीराम ने बताया कि इस मसले पर झाड़ौदा कलां गांव को दिल्ली के सभी गांवों का समर्थन प्राप्त है।
जाम के कारण हरियाणा-दिल्ली के बीच आवाजाही बाधित होने से लंबा जाम लग गया था। वाहन चालक खेतों के रास्ते दिल्ली की ओर आ-जा रहे थे। इस बीच दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को आश्वस्त किया कि तीन दिन बाद बार्डर खोल दिया जाएगा। इसके बाद दोपहर दो बजे किसानों ने जाम हटाया, लेकिन चेतावनी दी कि यदि तीन दिन बाद बार्डर नहीं खोला गया तो वे खुद बार्डर खोल देंगे।