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Kisan Andolan: आज होगी SKM की आपात बैठक, किसानों का आंदोलन खत्म होने के आसार कम

Kisan Andolan बुधवार को होने वाली बैठक में लिए गए फैसलों पर पर देशभर के लोगों की नजर रहेगी। दूसरी ओर मोर्चा की पहले से तय बैठक चार दिसंबर को भी होगी। इसमें आंदोलन को दिशा देने की रणनीति पर चर्चा हो सकती है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 06:10 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 07:40 AM (IST)
Kisan Andolan: आज होगी SKM की आपात बैठक, किसानों का आंदोलन खत्म होने के आसार कम
Kisan Andolan: आज होगी SKM की आपात बैठक, किसानों का आंदोलन खत्म होने के आसार कम

नई दिल्ली/सोनीपत/गाजियाबाद [संजय निधि]। दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर  (कुंडली बार्डर) पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की बुधवार को अहम बैठक होगी। इस बैठक में लिए गए फैसलों पर पर देशभर के लोगों की नजर रहेगी। दूसरी ओर मोर्चा की पहले से तय बैठक चार दिसंबर को भी होगी। इसमें आंदोलन को दिशा देने की रणनीति पर चर्चा हो सकती है। उधर, बार्डर पर अब कई किसान घर जाने के लिए अपना सामान बांधने लगे हैं। मंगलवार सुबह कई किसानों अपना सामान पैक कर ट्रक में रख लिया। किसान तेजेंद्र ¨सह ने बताया कि सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं, बाकी मांगें भी पूरी करने का आश्वासन दिया है। अब उनके घर में बेटी की शादी है, इसलिए अब अपने घर लौटने की तैयारी है।

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इस बीच मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सभी मांगें पूरी हुए बिना आंदोलन समाप्त नहीं होगा। दरअसल, आंदोलन स्थल से घर वापसी की तैयारी की खबरों को पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने सिरे से नकार दिया है। लगातार दूसरे दिन कुंडली बार्डर पर मंगलवार को बैठक कर जत्थेबंदियों के नेताओं ने कहा कि वे घर तो जाना चाहते हैं, लेकिन अधूरी मांगों के साथ नहीं। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की सहमति के बिना यहां से कोई नहीं जाएगा। यदि मांगें पूरी नहीं की गई तो वे यहीं डटे रहेंगे। बुधवार को कुंडली बार्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के सभी 41 सदस्य जुटेंगे और बैठक कर आगामी रणनीति बनाएंगे।

इससे पहले सोमवार को जत्थेबंदियों की बैठक के बाद से यह कयास लगाए जाने लगे थे कि संसद में कृषि कानून वापसी बिल पास हो गया है तो पंजाब की जत्थेबंदियां घर जाने की तैयारी में हैं। ऐसे में सभी 32 जत्थेबंदियों ने लगातार दूसरे दिन मंगलवार अचानक बैठक बुलाई। बैठक में के बाद जत्थेबंदियों के प्रमुख अवतार सिंह, मंजीत राय ने साफ किया कि वे मांगें पूरी होने से पहले वे कहीं नहीं जा रहे। सरकार को एमएसपी गारंटी कानून, किसानों पर बनाए मुकद्दमे वापसी, मुआवजा, बिजली बिल कानून समेत सभी छह मांगों को मानना होगा।

किसान नेता अवतार सिंह ने कहा कि किसानों पर जो केस दर्ज किए हुए हैं, उन पर दर्ज मुकदमे भी वापस होने चाहिए। दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा समन्वय समिति के सदस्य डा. दर्शन पाल ने मंगलवार को कहा कि पूर्व घोषणा अनुसार मोर्चा के सभी घटक संगठनों की बैठक चार दिसंबर को भी होगी। इस बैठक में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उठाए गए विभिन्न बिंदुओं और भविष्य में लिए जाने वाले फैसलों पर चर्चा होगी।


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