Kisan Andolan Update: आंदोलन को धार देने के लिए जयंत चौधरी बोले रालोद हर कदम पर किसानों के साथ, नहीं हटेंगे पीछे
Kisan Andolan Update राष्ट्रीय लोकदल के नए अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से आंदोलन में शामिल होने को कहा है। रालोद हर कदम किसानों के साथ है। आंदोलन में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उपस्थिति दर्ज कराई। चौधरी वसीम राजा ने जयंत का ये संदेश दिया।
जागरण संवाददाता, दिल्ली/गाजियाबाद। Kisan Andolan Update: राष्ट्रीय लोकदल के नए अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से आंदोलन में शामिल होने को कहा है। उन्होंने कहा कि रालोद हर कदम किसानों के साथ है। किसान आंदोलन में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उपस्थिति दर्ज कराई। लोकदल के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी वसीम राजा ने जयंत चौधरी का ये संदेश किसानों को दिया। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी न होने तक पार्टी इस आंदोलन में किसानों के साथ है।
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन के छह माह पूरे होने पर रालोद के नवनियुक्त अध्यक्ष जयंत चौधरी ने किसानों के संघर्ष को तेज करने का आह्वान किया था। वसीम राजा ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों की आड़ में रोटी को तिजोरी में बंद करने की किसान विरोधी सरकार की मंशा को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। वहीं, जिलाध्यक्ष चौधरी अजय प्रमुख ने कहा कि कृषि कानूनों को लाने के पीछे सरकार बेतुके फायदे गिना रही है, लेकिन किसानों को इसमें साफ नुकसान मानता है। खेती करने वाले को पता है कि उसके लिए क्या फायदेमंद है।
दिल्ली बार्डर पर बैठे बहुत से किसान आंदोलन में शहीद हो चुके हैं। रालोद का एक-एक कार्यकर्ता किसान हितों की रक्षा के लिए खड़ा है। यूपी बार्डर किसान आंदोलन में जिले से काफी संख्या में कार्यकर्ताओं ने उपस्थिति दर्ज कराई।
उधर 25 मई को यूपी गेट पर केंद्र सरकार के तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरने में काला झंडा फहराकर विरोध दर्ज कराया गया। इस मौके पर यूपी गेट पर किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी मौजूद रहे। उन्होंने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। कहा कि जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेगी किसान धरना खत्म करके वापस नहीं जाएंगे। इससे पहले सरकार के साथ जो भी बातचीत हुई थी, यदि सरकार फिर से बातचीत करना चाहती है तो बातचीत वहीं से शुरू होगी जहां पर पहले खत्म हुई थी। नए सिरे से नई रूपरेखा के साथ कोई बातचीत नहीं होगी। किसान इसके लिए नहीं मानेंगे।
सरकार उन्हें कोरोना का सुपर स्प्रेडर कह रही है जबकि वो कोरोना के नियमों का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की हितैषी नहीं है इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा। उनके नेतृत्व में यूपी गेट पर कृषि कानून विरोधियों ने सरकार का पुतला फूंका और काले झंड़े लेकर धरना स्थल पर नारेबाजी करते हुए परिक्रमा भी की। अब किसान अपने आंदोलन को तेज करने के लिए रणनीति बनाने में लगे हुए हैं।