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Kisan Andolan: किसान अपनी जिद पर अड़े, नहीं लगवा रहे वैक्सीन, रोजाना 100 लोग ले रहे दवा

Kisan Andolan तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को पांच माह का वक्त बीतने को है। पहले तो केंद्र सरकार के समक्ष आंदोलनकारियों की ओर से रखी गई मांगों को लेकर उनकी जिद शुरुआती दिन से ही बरकरार है

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 01:11 PM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 01:11 PM (IST)
Kisan Andolan: किसान अपनी जिद पर अड़े, नहीं लगवा रहे वैक्सीन, रोजाना 100 लोग ले रहे दवा
दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान कोरोना वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं है।

जागरण संवाददाता, दिल्ली/बहादुरगढ़(झज्जर)। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को पांच माह का वक्त बीतने को है। पहले तो केंद्र सरकार के समक्ष आंदोलनकारियों की ओर से रखी गई मांगों को लेकर उनकी जिद शुरुआती दिन से ही बरकरार है, तो दूसरी ओर अब कोरोना के महासंकट के बीच इनकी टेस्टिंग और वैक्सीन भी एक तरह से चुनौती है। कई दिनों की लगातार कोशिश के बाद आखिरकार शनिवार को सात किसानों ने कोरोना से बचाव का टीका लगवाया। उम्मीद है कि अब वैक्सीनेशन में और भी आंदोलनकारी सहयोग करेंगे। यहां बीमारी भी बढ़ती जा रही है। रोजाना 100 किसान खांसी और जुकाम की दवा ले रहे हैं मगर वैक्सीन लगवाने के लिए उदासीनता बनी हुई है।

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15 फीसद आंदोलनकारियों को है बुखार
आंदोलन स्थल पर डटे किसानों में से इस समय 15 फीसद बीमार हैं। इनको बुखार, खांसी-जुकाम की शिकायत है। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग के कैंपों में साफ दिखती है। सेक्टर-9 मोड़ पर विभाग की ओर से शुरूआत से ही मेडिकल कैंप चल रहा है। यहां पर रोजाना करीब 100 आंदोलनकारी दवा लेने के लिए आते हैं। इनमें से 15 बुखार पीडि़त मिलते हैं।
डीसी व एसपी ने की थी वैक्सीन लगवाने की अपील
जिला प्रशासन की ओर से 22 अप्रैल को टीकरी बार्डर पर बैठे आंदोलनकारियों के साथ बातचीत और उसमें डीसी व एसपी ने सभी से वैक्सीनेशन की अपील की थी। हालांकि टेस्टिंग के लिए तो अभी तक कोई भी तैयार नहीं है, मगर वैक्सीनेशन की अपील का असर होता नजर आ रहा है। रोजाना बॉर्डर पर दो जगहों पर सभाओं में आंदोलनकारियों का जुटना ही कोरोना संक्रमण फैलने के रिस्क को नहीं बढ़ा रहा है बल्कि दिक्कत इस बात को लेकर और ज्यादा है कि आंदोलनकारियों की भीड़ में से काफी लोग पंजाब जा रहे हैं और वापस आ रहे हैं।

आंदोलनकारियों द्वारा लगातार उनके बीच कोरोना संक्रमण न होने का दावा किया जा रहा है, मगर स्वास्थ्य विभाग का तर्क है कि इसको लेकर तो स्थिति तभी साफ होगी, जब ये आंदोलनकारी अपना टेस्ट करवाएंगे। टेस्ट भी यदि बाद का विषय मान लिया जाए तो कम से कम एहतियात के तौर पर जो वैक्सीन कोरोना से बचाव में उपयोगी है, उससे तो किसी को भी परहेज नहीं करना चाहिए। कई दिनों से स्वास्थ्य विभाग आंदोलन स्थल पर कैंप लगाकर आंदोलनकारियों को वैक्सीन के लिए मनाने में जुटा है। अब संभावना बनी है कि कुछ किसान यहां पर वैक्सीन लगवा लें।

सात किसानों ने लगवाया है टीका
डा. सुंदरम बहादुरगढ़ में कोरोना वैक्सीनेशन के नोडल आफिसर डा. सुंदरम कश्यप ने बताया कि शनिवार को पहली बार सात किसानों ने यहां पर कोरोना से बचाव का टीका लगवाया है। इनमें अधिकतर पंजाब के हैं। उम्मीद है कि अब आंदोलनकारियों द्वारा वैक्सीनेशन में सहयोग दिया जाएगा।

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