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Kisan Andolan: कृषि कानूनों के खिलाफ आज से इन शर्तों के साथ जंतर-मंतर पर किसान कर सकेंगे प्रदर्शन

दिल्ली की सीमाओं पर बैठे प्रदर्शनकारियों द्वारा मानसून सत्र के दौरान दिल्ली कूच करने के एलान पर दिल्ली पुलिस पहले से पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में न घुसने देने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 07:17 AM (IST)
Kisan Andolan: कृषि कानूनों के खिलाफ आज से इन शर्तों के साथ जंतर-मंतर पर किसान कर सकेंगे प्रदर्शन
तीन कृषि कानूनों को खत्म किए जाने की मांग को लेकर संसद भवन पर प्रदर्शन करने जा रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों को संसद के मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन के लिए जगह मिल गई है। अब वे जंतर-मंतर पर सुबह 11 से शाम पांच बजे तक यानी छह घंटे प्रदर्शन कर सकेंगे। रोज 200 प्रदर्शनकारी ही प्रदर्शन में शामिल होंगे। 22 जुलाई से नौ अगस्त तक प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है। पुलिस आयुक्त बालाजी श्रीवास्तव ने जंतर-मंतर जाकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों से बात की।

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गौरतलब है कि इस मुद्दे को लेकर दिल्ली पुलिस और संयुक्त किसान मोर्चा के बीच दो बार की बैठक नतीजा रही थी। मोर्चा के नेता संसद के सामने धरना देना चाहते थे, जबकि पुलिस इसके लिए तैयार नहीं थी। वह कहीं अन्यत्र धरने का विकल्प सुझा रही थी। अब उपराज्यपाल अनिल बैजल के निर्देश पर जंतर मंतर पर धरने की अनुमति दी गई। प्रदर्शनकारियों ने भी इस पर सहमति जताई है।

केवल 200 प्रदर्शनकारी जंतर मंतर आ सकेंगे

पुलिस ने बताया कि पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे में हर दिन बसों में सवार होकर केवल 200 प्रदर्शनकारी जंतर मंतर आ सकेंगे। एक एसयूवी में छह नेता अलग से आ सकेंगे। प्रदर्शन के बाद सभी को वापस सीमाओं पर भेज दिया जाएगा। बुधवार को दिल्ली सरकार के तरफ से डीडीएमए के एडिशनल सीईओ राजेश गोयल ने पुलिस मुख्यालय के एडिशनल सीपी दीपक पुरोहित को पत्र भेज कर बताया कि एलजी के निर्देश पर प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी गई है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

22 जुलाई से संसद घेराव की घोषणा के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। नई दिल्ली जिले में आने वाले हर मार्ग पर मजबूत बैरिके¨डग कर भारी संख्या में दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवानों की तैनाती की गई है। आला अधिकारी भी अपने इलाके में गश्त कर रहे हैं।

किसानों को प्रदर्शन करने के लिए 22 जुलाई से 9 अगस्त तक के लिए ही अनुमति दी गई है। इस दौरान सभी कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के सरकार द्वारा जारी पूर्व के सभी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करेंगे। शारीरिक दूरी बनाएंगे, हाथों को बार बार साफ करेंगे, सेनीटाइजर का इस्तेमाल करेंगे।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि सिंघु बार्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यहां पर 2500 दिल्ली पुलिस और 3000 पैरामिलिट्री के जवान तैनात कर दिए गए हैं। इसके अलावा यहां पर दंगा नियंत्रण वाहन, वाटर कैनन, टीयर गैस के साथ जवान तैनात कर दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस के अधिकारा नहीं चाहते कि किसान किसी भी तरह से फिर 26 जनवरी जैसे हालात पैदा करें। शांति व्यवस्था को किसी भी तरह से बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली पुलिस की ओर से सभी सीमाओं पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जाएगी जिससे कोई भी संदिग्ध दिल्ली में घुसकर गतिविधि को अंजाम न दे सके।

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कृषि कानूनों के विरोध में संसद भवन के बाहर धरना देने के मसले पर दिल्ली पुलिस व संयुक्त किसान मोर्चा के बीच मंगलवार को दूसरी बैठक भी बेनतीजा रही थी। सिंघु बार्डर के निकट एक रिसोर्ट में हुई बैठक में संसद की जगह किसी अन्य जगह पर धरना देने व उसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या कम करने के पुलिस के प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी। बैहालांकि नेताओं ने यह भी कहा कि बैठक में पुलिस ने जो बातें कहीं हैं, उन बातों पर मोर्चा की बैठक में विचार किया जाएगा। इसी बैठक में ये भी तय किया गया था कि पुलिस की ओर से दिए गए सुझाव पर भी विचार किया जाएगा, इसी के तहत ये चीजें तय की गई।

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