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लोकतंत्र के इतिहास में एक नया अध्याय बनकर आया किसान आंदोलन : सिसोदिया

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन का एक साल देश के लोकतंत्र के इतिहास में एक नया अध्याय बनकर आया है। इसे हमें आने वाली पीढ़ी को पढ़ाना चाहिए कि किस प्रकार तमाम आरोपों अत्याचारों और षड्यंत्रों के बावजूद किसानों ने धैर्य के साथ आंदोलन चलाया और जीत हासिल की।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 06:10 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 08:27 AM (IST)
लोकतंत्र के इतिहास में एक नया अध्याय बनकर आया किसान आंदोलन : सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा शांतिपूर्ण आंदोलन के माध्यम से निरंकुश सत्ता को झुकाया जा सकता है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। विधानसभा में किसान आंदोलन की जीत पर किसानों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसानों ने आने वाली पीढ़ी के लिए एक उदाहरण रखा है कि किस प्रकार निरंकुश सत्ता के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन कर अपनी बात मनवाई जा सकती है। किसानों ने यह सिद्ध कर दिया कि जब सत्ता में बैठे लोगों को अहंकार हो जाए और वो चंद लोगों के फायदे के लिए देश के आम आदमी को कुचलने का प्रयास करें, तो शांतिपूर्ण आंदोलन के माध्यम से उस निरंकुश सत्ता को झुकाया जा सकता है।

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आने वाली पीढ़ी के लिए यह सीख 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन का एक साल देश के लोकतंत्र के इतिहास में एक नया अध्याय बनकर आया है। इसे हमें आने वाली पीढ़ी को पढ़ाना चाहिए कि किस प्रकार तमाम आरोपों, अत्याचारों और षड्यंत्रों के बावजूद किसानों ने धैर्य के साथ आंदोलन चलाया और जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान किसानों की आवाज पूरे देश में फैली और थोड़े समय में ही पूरे देश के किसान एकजुट हो गए, लेकिन यह बेहद दुख की बात है कि किसानों की बातों को प्रधानमंत्री तक पहुंचने में एक साल लग गया। इस दौरान किसानों को दिल्ली बार्डर पर रोका गया, केंद्र सरकार ने दिल्ली के स्टेडियमों को जेल में तब्दील करने की योजना बनाई, लेकिन, मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल किसानों के साथ खड़े रहे और उन्होंने दिल्ली के स्टेडियमों को जेल में तब्दील नहीं होने दिया।

गोपाल राय ने रखा था संकल्प प्रस्ताव

इस दौरान दिल्ली के शहरी विकास मंत्री गोपाल राय ने किसान आंदोलन की जीत को लेकर सदन में संकल्प पत्र का प्रस्ताव रखा गया। सबसे पहले मुख्यमंत्री ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने संकल्प पत्र के प्रस्ताव को बहुमत के साथ पास कर दिया। प्रस्ताव को पारित करने से पूर्व सत्ता पक्ष के अनेक विधायकों ने भी इस पर अपनी बात रखी।

दिल्ली के किसानों पर चर्चा होनी चाहिए

भाजपा विधानसभा में किसान आंदोलन और कृषि कानूनों पर प्रस्तुत सरकारी संकल्प पर नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि सदन में दिल्ली के किसानों की दुर्दशा पर चर्चा होती तो अच्छा रहता। प्रधानमंत्री पहले ही इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर चुके हैं, इसलिए सदन में यह प्रस्ताव लाने की आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में किसानों का उत्पादन बढ़ा है। फसल के लिए उनको मिलने वाली कीमतों में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है। धान और गेहूं की कीमतों में पचास फीसद से ज्यादा का इजाफा हुआ है। किसानों की फसलों को खरीदने के लिए केंद्र सरकार पहले से ज्यादा रकम खर्च कर रही है। इसलिए सदन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देनी चाहिए।


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