Kisan Andolan: Singhu Border पर मशहूर है हरियाणा वालों का भंडारा, आंदोलन जारी रहने तक चलेगा
सिंघु बार्डर पर डेढ़ महीने से किसान डटे हुए हैं। इन किसानों को यहीं पर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए जगह-जगह लंगर व भंडारे लगाए गए हैं। किसानों के समर्थन में आया हो या यहां से गुजरने वाला राहगीर हो हर किसी की भूख यहां शांत हो रही है
सोनू राणा, बाहरी दिल्ली। सिंघु बार्डर पर डेढ़ महीने से ज्यादा समय से किसान डटे हुए हैं। इन किसानों को यहीं पर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए जगह-जगह लंगर व भंडारे लगाए गए हैं। चाहे कोई किसानों के समर्थन में आया हो या यहां से गुजरने वाला राहगीर हो, हर किसी की भूख यहां शांत हो रही है, जिस प्रकार से विक्रेता ग्राहकों को बुला-बुलाकर अपना सामान बेचते हैं, उसी प्रकार से यहां लोगों को बुला-बुलाकर मुफ्त में खाना खिलाया जा रहा है।
लंगर तो यहां पर काफी लगे हैं, लेकिन डेढ़ महीने से हरियाणा वालों का भंडारा किसानों व आसपास के लोगों के बीच काफी मशहूर हो गया है। यहां का भोजन इतना स्वादिष्ट है कि लोग दो से तीन किलोमीटर दूर तक पैदल चलकर यहां खाना खाने आते हैं, जबकि उनके दस मीटर दूर ही अन्य लंगर चल रहे हैं।
दरअसल, हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के छतैहरा व अन्य गांव के लोगों की ओर से सिंघु बार्डर पर भंडारा लगाया गया है। इस भंडारे का खाना इतना स्वादिष्ट है कि प्रदर्शनकारी अब इसी का खाना पसंद कर रहे हैं। मुंडलाना गांव के प्रधान सुरेंद्र ने बताया कि उनकी ओर से प्रदर्शन की शुरुआत से ही यहां पर भंडारा लगाया गया है। कढ़ी-चावल, लस्सी, अचार व गुड़ का स्वाद लोगों को इतना भा गया है कि वह अब यहीं पर खाना खाने आते हैं।
उन्होंने कहा कि जब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा, तब तक यहां पर भंडारा चलता रहेगा। हरियाणा के दूध, घी व लस्सी के चर्चे देशभर में हैं। इसका जीता जागता उदाहरण सिंघु बार्डर पर देखने को मिलता है। यहां पर हरियाणा वालों के भंडारे में हर रोज गांवों से दर्जनों ड्रम में भरकर लस्सी लाई जाती है और किसानों को पिलाई जाती है, ताकि दूसरे राज्यों से आए किसानों को कोई परेशानी न हो।
डेढ़ महीने से काम ठप पड़ा है। इसलिए हर रोज लंगर व भंडारों में ही खाना खाता हूं। मैंने कई जगह खाना खाया, लेकिन हरियाणा वालों के भंडारे का खाना सबसे स्वादिष्ट है और अच्छा है। इसलिए मैं रोजाना यहीं खाना खाने आता हूं। (प्रभूदयाल)
लंगर तो मैंने काफी जगह खाए, लेकिन हरियाणा वालों के खाने का स्वाद ही कुछ अलग है। साफ-सफाई का भी ध्यान रखा जाता है। इसलिए मैं हर रोज यहीं खाना खाता हूं। यहां का गुड़ भी लाजवाब है। (सुरेंद्र सिंह, प्रदर्शनकारी)
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