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Exclusive: Delhi Metro की तानाशाही, पहले आग लगने पर खुद निकाला बाहर, फिर वसूला जुर्माना

नोएडा सिटी सेंटर Delhi Metro स्टेशन पर शुक्रवार तड़के 5:44 पर शॉर्ट सर्किट से एक खाली पड़े क्योस्क में आग लग गई। इससे मेट्रो स्‍टेशन पर लगे एग्जिट डोर सिस्‍टम खराब हो गए थे।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 12:59 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 02:18 PM (IST)
Exclusive: Delhi Metro की तानाशाही, पहले आग लगने पर खुद निकाला बाहर, फिर वसूला जुर्माना
Exclusive: Delhi Metro की तानाशाही, पहले आग लगने पर खुद निकाला बाहर, फिर वसूला जुर्माना

नई दिल्‍ली/नोएडा, जागरण स्‍पेशल। Delhi Metro नोएडा सिटी सेंटर मेट्रो स्‍टेशन पर आमतौर पर प्रवेश द्वार या टोकन खिड़की पर ज्‍यादा भीड़ देखने को मिलती है। लेकिन शुक्रवार को कस्‍टमर केयर एक्‍जीक्‍यूटिव की खिड़की पर लंबी लाइन लगी थी। इसकी वजह थी, नोएडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन पर शुक्रवार तड़के 5:44 पर शॉर्ट सर्किट की वजह से एक खाली पड़े क्योस्क में लगी आग। इस आग की घटना की वजह से नोएडा सिटी सेंटर मेट्रो स्‍टेशन पर लगे एग्जिट डोर सिस्‍टम खराब हो गए थे। इसलिए लोगों को बिना कार्ड टच किये या टोकन डाले बाहर निकाल दिया गया। टोकन देकर बाहर निकले लोगों की तो मुसीबत तभी खत्‍म हो गई। लेकिन कार्ड से सफर करने वाले हजारों यात्रियों के लिए असल मुसीबत शाम को शुरू हुई, जब उन्‍होंने मेट्रो के एंट्री गेट से प्रवेश करने के लिए अपना कार्ड टच किया।

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शुक्रवार को सुबह निकास द्वार पर बिना कार्ड टच किए जो यात्री बाहर निकले, उन्‍हें कार्ड को अनलॉक कराने के लिए घंटों तक लाइन में लगना पड़ा। लेकिन हद तो तब हो गई, जब यात्रियों से कार्ड अनलॉक करने के लिए 16 रुपये तक जुर्माना लिया गया। एक यात्री ने बताया कि कस्‍टमर केयर एक्‍जीक्‍यूटिव का कहना था कि आपने निधार्रित से ज्‍यादा समय मेट्रो में बिताया, इसलिए जुर्माना भरना पड़ेगा। ये जुर्माना हर उस यात्री से लिया गया, जो आग लगने की वजह से काम नहीं कर रहे दरवाजों से बिना कार्ड टच किए नोएडा सिटी सेंटर मेट्रो स्‍टेशन से बाहर निकला था। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर, इसमें आम यात्रियों का क्‍या दोष था?

प्रतिदिन उत्‍तम नगर से नोएडा सिटी सेंटर मेट्रो स्‍टेशन तक का सफर करने वाले सुमित साहनी ने बताया कि वह सुबह सिटी सेंटर मेट्रो स्‍टेशन परिसर में आग लगने की वजह से बिना कार्ड टच किए बाहर निकले थे, क्‍योंकि सिस्‍टम खराब था। गार्ड ने ही बिना कार्ड टच किए बाहर निकलने के लिए कहा था। लेकिन जब वह शाम को मेट्रो स्‍टेशन पहुंचे, तो कार्ड लॉक हो चुका था। कस्‍टमर केयर एक्‍जीक्‍यूटिव की खिड़की पर लंबी लाइन लगी हुई थी। लगभग सभी कार्ड अनलॉक कराने के लिए खड़े हुए थे। उन्‍होंने कहा, 'मुझे ऑफिस से निकलने में पहले ही बहुत देर हो चुकी थी। ऐसे में जब नोएडा सिटी सेंटर मेट्रो स्‍टेशन पहुंचा, तो कार्ड लॉक था। कस्‍टमर केयर एक्‍जीक्‍यूटिव की खिड़की पर लंबी लाइन लगी थी। ऐसे में मैंने कार्ड होते हुए भी टोकन लिया और मेट्रो में प्रवेश कर लिया। लेकिन अगले दिन सुबह जब मैंने उत्‍तम नगर मेट्रो स्‍टेशन पर कस्‍टमर केयर एक्‍जीक्‍यूटिव को कार्ड अनलॉक करने के लिए कहा, तो मुझे 50 रुपये किराया और 16 रुपये जुर्माना देना पड़ा। अब बताइए इसमें मेरी क्‍या गलती थी, जिसका मुझे 16 रुपये जुर्माना भरना पड़ा। ये तो मेट्रो की गुंडागर्दी हुई।'

सुमित अकेले ऐसे नहीं थे, जिन्‍हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा। आरके आश्रम से नोएडा सिटी सेंटर तक का प्रतिदिन सफर करने वाले एक शख्‍स ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि गलती मेट्रो की थी, इसके बावजूद उनके साथ ऐसा व्‍यवहार किया गया, जैसे उन्‍होंने कोई चोरी की हो। उन्‍होंने बताया, 'नोएडा सिटी सेंटर पर आग लगने की वजह से सुबह बिना कार्ड टच किए सीआरपीएफ के जवानों ने यात्रियों को बाहर निकाल दिया था। शाम को मैंने बोटेनिकल गार्डन मेट्रो स्‍टेशन के एंट्री गेट पर कार्ड टच कर प्रवेश किया था। भीड़ काफी ज्‍यादा थी, इसलिए मैंने ध्‍यान नहीं दिया कि कार्ड टच हुआ है या नहीं। लेकिन जब मैंने आरके आश्रम मेट्रो स्‍टेशन से कार्ड टच कर बाहर निकलना चाहा, तो कार्ड लॉक था। जब मैं कस्‍टमर केयर एक्‍जीक्‍यूटिव की खिड़की पर कार्ड लेकर गया, तो उन्‍होंने कहा कि आपको 70 रुपये किराया और 10 रुपये जुर्माना देना होगा। मैंने उनको बताया कि नोएडा सिटी सेंटर मेट्रो स्‍टेशन पर आग लगने की वजह से बिना कार्ड टच किए लोगों को बाहर निकाला गया था, इसलिए जुर्माना किस बात का? मैंने जुर्माना देने से इनकार किया, तो उन्‍होंने मुझे कंट्रोल रूप में बात करने के लिए कहा। मैं आरके आश्रम मेट्रो स्‍टेशन के प्‍लेटफॉर्म नंबर 2 पर स्थित कंट्रोल रूप में गया, तो मुझे एक अधिकारी मिला। उन्‍होंने मुझसे बड़ा बुरा व्‍यवहार किया। अधिकारी ने कहा कि जुर्माना तो आपको देना ही पड़ेगा। अगर जुर्माने के पैसे नहीं दिए, तो हम पुलिस बुलाकर तुम्‍हें थाने भेज देंगे। वह मेरी बात सुनने को तैयार ही नहीं थे। मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्‍या करूं? मुझे काफी बेइज्‍जती महसूस हुई, जबकि मेरी कोई गलती भी नहीं थी। मैं किराया देने के लिए भी तैयार था, लेकिन मुझे जुर्माना देने पर आपत्ति थी। इसलिए मैंने जुर्माना दिया और कार्ड अनलॉक करवा लिया।'

अब सवाल ये उठता है कि नोएडा सिटी सेंटर पर लगी आग की वजह से हजारों यात्रियों को जुर्माना क्‍यों भरना पड़ा? क्‍या दिल्‍ली मेट्रो के पास ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए कोई विकल्‍प नहीं है? क्‍या दिल्‍ली मेट्रो के सॉफ्टवेयर में ऐसी कोई सुविधा नहीं है, जिससे ऐसी घटना के बाद यात्रियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े? अगर दिल्‍ली मेट्रो के पास ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए कोई विकल्‍प नहीं है, तो उसे अपने सॉफ्टवेयर में सुधार करना चाहिए। ताकि यात्रियों को बिना गलती के जुर्माना न भरना पड़े।

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