Move to Jagran APP

चूक गई आम आदमी पार्टी सरकार, दिल्ली की दशा बदलने का ख्वाब रह गया अधूरा

पूर्व की सरकारों द्वारा शुरू की गईं विकास योजनाएं भी पूरी नहीं हो सकी हैं, जबकि उन्हें एक साल पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 11:00 AM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 11:37 AM (IST)
चूक गई आम आदमी पार्टी सरकार, दिल्ली की दशा बदलने का ख्वाब रह गया अधूरा
चूक गई आम आदमी पार्टी सरकार, दिल्ली की दशा बदलने का ख्वाब रह गया अधूरा

नई दिल्ली (जेएनएन)। विकास कराकर दिल्ली का नक्शा बदल देने का ख्वाब दिखाकर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार विकास तो नहीं करा सकी, लेकिन उसके साथ विवादों के जुड़ने की लिस्ट बढ़ती जा रही है। पिछले तीन साल से यही हो रहा है। पहले विवाद होता है और फिर पूरी सरकार व आम आदमी पार्टी इसे सुलझाने में लग जाती है।

loksabha election banner

वर्तमान में भी ऐसा ही हो रहा है। सरकार और नौकरशाही कई दिनों से आमने-सामने हैं। मुख्य सचिव से मारपीट की घटना के बाद अधिकारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। वे माफी से कम की बात पर राजी नहीं हो रहे हैं। वहीं सरकार भी राजधानी में विकास कार्य कराने के बजाय अधिकारियों से उलझ रही है।

मुख्य सचिव से मारपीट के ममाले में भी वह झुकने को तैयार नहीं है। दिल्ली में उपजे इन हालातों में दिल्ली का विकास लगभग ठप हो गया है। स्थिति यह है कि पिछले तीन साल में ढांचागत विकास की एक भी योजना जमीन पर नहीं आ सकी है। आप सरकार ने जो योजनाएं बनाई थीं वे कागजों में दम तोड़ रही हैं।

पूर्व की सरकारों द्वारा शुरू की गईं विकास योजनाएं भी पूरी नहीं हो सकी हैं, जबकि उन्हें एक साल पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था। हालात नहीं सुधरे तो आने वाले दिनों में राजधानी की स्थिति और भी खराब हो सकती है।

स्लम मुक्त दिल्ली योजना पर काम नहीं हुआ शुरू

दिल्ली सरकार ने वादा किया था कि दिल्ली को स्लम मुक्त किया जाएगा। झुग्गी बस्तियों की जगह बहुमंजिला फ्लैट बनाए जाएंगे। इसके लिए पांच बस्तियां भी चिह्न्ति की गईं। पहले चरण में झुग्गी के बदले पांच हजार फ्लैट बनाए जाने थे। पिछले बजट यानी वित्त वर्ष 2017-18 में इसके लिए 3113 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए थे, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी योजना पर काम शुरू नहीं हो सका है।

कब होगा गांवों का विकास

ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए आप सरकार ने विशेष जोर देने की बात कही थी। सरकार की ओर से कहा गया था कि गांवों में इस वित्त वर्ष में 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस धनराशि से गांवों में सड़कें व गलियां बनाई जाएंगी। चौपाल व सामुदायिक भवनों का निर्माण होगा। गांवों की छोटी-छोटी जरूरतें पूरी की जाएंगी, लेकिन इस योजना के तहत अब तक 49 करोड़ रुपये के टेंडर ही जारी हो सके हैं। यह कार्य भी कब तक शुरू होगा, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।

पर्यटन के क्षेत्र में नहीं दिख रहा बदलाव

दिल्ली में पर्यटन क्षेत्र का विकास बड़ा मुद्दा है। आप सरकार ने गत वर्ष बजट पेश करते हुए घोषणा की थी कि दिल्ली के लिए जल्द ही पर्यटन पॉलिसी बनेगी। पर्यटन क्षेत्र को मास्टर प्लान के तहत विकसित किया जाएगा। कपिल मिश्र को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास ही पर्यटन विभाग है। यह माना जा रहा था कि सिसोदिया के चलते पर्यटन में कुछ कार्य होता दिखेगा, लेकिन कोई भी बदलाव नहीं दिख रहा है।

फिल्मों की शूटिंग को नहीं मिल रहा बढ़ावा

पिछले बजट में आप सरकार ने घोषणा की थी कि दिल्ली में फिल्म शूटिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन इसे सरकार लागू नहीं कर सकी है। स्थिति यह है कि फिल्म की शूटिंग के लिए 16 विभागों से स्वीकृति लेनी पड़ती है।

बेरोजगारी की समस्या नहीं हुई दूर

आप सरकार ने कहा था कि दिल्ली से बेरोजगारी की समस्या दूर की जाएगी। आठ लाख रोजगार के अवसर दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आज भी दिल्ली में बेरोजगारी की समस्या है। सरकार ने रोजगार मेला कार्यक्रम शुरू किया था, जोकि सफल नहीं हो सका।

ठेके पर कार्य करने वाले कर्मचारी नहीं किए नियमित

सरकार ने कहा था कि ठेके पर कार्य कर रहे कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। सरकार और दिल्ली सरकार के स्वायत्त निकायों में 55,000 रिक्तियों को तत्काल भरा जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.