Delhi News: फोटो-जर्नलिस्ट होने की आड़ में अलगाववादियों के लिए काम करता था कश्मीरी युवक मोहम्मद मनन डार
Delhi News अक्टूबर 2021 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद डार की जमानत याचिका पर लिखित जवाब दाखिल करते हुए जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि डार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और उसके आफ-शूट द रेसिस्टेंस फ्रंट के ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम कर रहा था।
नई दिल्ली जागरण संवाददाता। गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में आरोपित कश्मीरी युवक मोहम्मद मनन डार की जमानत याचिका का राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने विरोध किया है।एनआइए ने पटियाला हाउस की एनआइए अदालत को बताया कि 25 वर्षीय डार अत्यधिक कट्टरपंथी है और फोटो जर्नलिस्ट होने की आड़ में वह कश्मीर में अलगाववादी विचारधारा के लिए काम करता था।
22 अक्टूबर 2021 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद डार की जमानत याचिका पर लिखित जवाब दाखिल करते हुए जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि डार आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और उसके आफ-शूट द रेसिस्टेंस फ्रंट के ओवर ग्राउंड वर्कर के रूप में काम कर रहा था।डार जानबूझकर आतंकवादी कमांडरों के साथ साजिश में शामिल हो गया था और सीमा के साथ-साथ घाटी में अशांति फैलाना चाहता था।
एनआइए ने कहा कि पाकिस्तान स्थित निर्धारित आतंकवादी संगठनों ने टेलीग्राम और वाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप पर कई सोशल मीडिया हैंडल और समूह बनाए हैं।एनआइए ने दावा किया है कि डार 'द टीआरएफ' नामक ग्रुप का सदस्य था, जिसे सीमा पार स्थित अन्य सह-आरोपियों द्वारा चलाया जाता था।जांच के दौरान जब्त किए गए डिजिटल उपकरणों की सामग्री की फोरेंसिक रिपोर्ट ने स्थापित किया कि आरोपित डार के पास हथियारों के साथ उग्रवादियों की तस्वीरें और वीडियो मौजूद थी।
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वह इन आपत्तिजनक सामग्रियों को अन्य ग्रुप में समूहों में साझा करता था।जांच एजेंसी ने यह भी तर्क दिया है कि डार और अन्य आरोपित आनलाइन ग्रुप से भी जुड़े थे।इतना ही नहीं डार क्षेत्र के युवाओं को 'कश्मीर काज' के नाम पर कट्टरपंथी बनने के लिए राजी करता था।डार के खिलाफ अक्टूबर-2021 में यूएपीए की विभिन्न धाराओं के साथ ही भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत आरोपित बनाया गया है।उक्त प्राथमिकी गृह मंत्रालय (सीटीसीआर डिवीजन) के एक आदेश के आधार पर की गई थी।