Move to Jagran APP

अब और खूबसूरत दिखेंगे दिल्ली के गेट, एएसआइ ने की तैयारी; मंगी ब्रिज का भी निखरेगा रूप

दिल्ली गेट कश्मीरी गेट तुर्कमान गेट अजमेरी गेट लाहौरी गेट त्रिपोलिया गेट व शेरशाह गेट आदि आज भी दिल्ली के माथे पर जड़े नगीने की तरह हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) इन गेटों को बचाने की जद्दोजहद में लगा है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 21 Sep 2021 10:10 AM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 10:10 AM (IST)
अब और खूबसूरत दिखेंगे दिल्ली के गेट, एएसआइ ने की तैयारी; मंगी ब्रिज का भी निखरेगा रूप
अब और खूबसूरत दिखेंगे दिल्ली के गेट, एएसआइ ने की तैयारी; मंगी ब्रिज का भी निखरेगा रूप

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली के दरवाजे आज भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। ये दरवाजे दिल्ली में राज करने वाली लगभग हर हुकूमत के समय में बने हैं। ये आज दिल्ली के इतिहास का झरोखा बन गए हैं। दिल्ली गेट, कश्मीरी गेट, तुर्कमान गेट, अजमेरी गेट, लाहौरी गेट, त्रिपोलिया गेट व शेरशाह गेट आदि आज भी दिल्ली के माथे पर जड़े नगीने की तरह हैं। हालांकि, ऐसे न जाने कितने दरवाजे और भी रहे होंगे, जो वक्त की धूल में मिल चुके हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) इन गेटों को बचाने की जद्दोजहद में लगा है। अजमेरी गेट का संरक्षण कार्य हो चुका है। वहीं, अब त्रिपोलिया गेट का काम शुरू कराया गया है।

loksabha election banner

2012 में शेरशाह गेट हुआ था क्षतिग्रस्त

2012 में हुई तेज बारिश में ऐतिहासिक शेरशाह गेट के पास की एक दीवार ढह गई थी। गेट भी गिरने की स्थिति में था। उस समय एएसआइ ने इस गेट के आधे हिस्से में ईंटों की दीवार खड़ी कर गेट को बचा लिया था। मगर इस गेट से ईंटों की दीवार को छह साल बाद भी एएसआइ नहीं हटा सका है। पिछले सालों में संरक्षण कार्य शुरू हुआ, पर कोरोना के चलते बंद हो गया, अब फिर से गेट के संरक्षण की तैयारी चल रही है। गेट को शेरशाह सूरी ने वर्ष 1540 में बनवाया था। यह दिल्ली के प्रवेश द्वारों में से एक है।

मंगी ब्रिज के लिए भी निकलेगा टेंडर

लालकिला और सलीमगढ़ किले को जोड़ने वाला ऐतिहासिक मंगी ब्रिज दिनोंदिन जर्जर होता जा रहा है। तीन माह पहले एक बड़ा ट्रक गुजरने पर ब्रिज के निचले भाग में राजघाट से हनुमान मंदिर की ओर जाने वाली दाईं ओर से पहली लेन का एक बड़ा हिस्सा टूट कर गिर चुका है। इसके बाद से ब्रिज इस हिस्से में नीचे की ओर से और अधिक खोखला दिखने लगा है। इसे ठीक कराने के लिए एएसआइ ने टेंडर निकाले थे, मगर कोई कंपनी सामने नहीं आई। अब फिर से टेंडर निकालने की तैयारी हो रही है। लालकिला के पीछे स्थित इस ब्रिज का निर्माण 150 वर्ष पूर्व किया गया था।

त्रिपोलिया गेट की हालत जजर्र

मुगलकालीन त्रिपोलिया गेट की हालत बेहद जर्जर हो चुकी थी। हालत खराब होने के चलते एएसआइ ने इस गेट के अंदर से करीब दो साल पहले वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया था। उसके बाद संरक्षण कार्य शुरू किया था, मगर कोरोना के चलते यह कार्य बीच में ही रुक गया। अब हालात काबू में आए हैं तो एएसआइ ने संरक्षण कार्य तेज कर दिया है। करनाल रोड पर स्थित दो त्रिपोलिया गेटों का निर्माण नाजीर महलदार खां ने कराया था। इनमें से एक गेट महाराणा प्रताप बाग के पास स्थित है। उसका संरक्षण कार्य तीन साल पहले कराया गया था। वहीं गुड़ मंडी के पास वाले दूसरे गेट का संरक्षण कार्य अब कराया जा रहा है। इन द्वारों पर लिखे अभिलेख से पता चलता है कि इन्हें नाजिर महलदार खां द्वारा 1728-29 में बनवाया गया था। मुहम्मद शाह के कार्यकाल में वह वजीर था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.