जेएनयू में अगले साल शुरू हो सकता है कर्मकांड का कोर्स, जानें- क्या है खास
JNU में कर्मकांड की पढ़ाई भी शुरू हो सकती है। इस बाबत प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। यदि ऐसा हुआ तो बहुत संभावना है कि लाल सलाम के नारों के बीच यहां शंख भी गूंजेगा।
नई दिल्ली [जेएनएन]। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) इस साल इंजीनियरिंग की पढ़ाई तो शुरू कर ही रहा है, ऐसी संभावना है कि अगले वर्ष यहां कर्मकांड की पढ़ाई भी शुरू हो सकती है। इस बाबत प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। यदि ऐसा हुआ तो बहुत संभावना है कि लाल सलाम के नारों के बीच यहां शंख भी गूंजेगा।
रोजगार परक पीजी डिप्लोमा होगा
जेएनयू में हाल ही में स्थापित स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज (एसएसआइएस) ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है। यह एक रोजगार परक पीजी डिप्लोमा होगा, जिसमें दाखिला के लिए धर्म, जाति और समुदाय विशेष का होने की बाध्यता नहीं होगी।
संस्कृत उपयोगी प्राचीन भाषा है
एसएसआइएस के डीन गिरीश नाथ झा ने कहा कि संस्कृत बहुत उपयोगी प्राचीन भाषा है। कई लोग इसके महत्व और आधुनिक समय में इसके उपयोग को नहीं पहचान पाते। यह प्राचीन भाषा आधुनिक कंप्यूटर के लिए काफी उपयुक्त है। प्रस्ताव अभी प्रारंभिक चरण में है और इसके लिए अभी एक बैठक ही हुई है। इस बैठक में स्कूल ऑफ साइंस और ई-लर्निंग कोर्स के विशेषज्ञों को खासतौर पर आमंत्रित किया गया था। इसमें श्रुति पर आधारित स्त्रोत सूत्र, स्मृति या परंपरा पर आधारित स्मृतिसूत्र जैसे पाठ पढ़ाए जाएंगे।
कई तरह के प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है
ज्ञात हो कि जेएनयू में 2001 में स्थापित स्पेशल सेंटर फॉर संस्कृत स्टडीज को पूरी तरह अपग्रेड कर दिसंबर 2017 में स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज के रूप में तब्दील किया गया है और यहां कई तरह के प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है।
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