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Delhi riots : कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे से जुड़े डकैती के मामले में एक और आरोपित को बरी किया , पढ़िए टिप्पणी

Delhi riots डकैती डालने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक आरोपित को बरी कर दिया। जबकि दूसरे आरोपित पर केवल चोरी कर उस सामान को अपने पास रखने का आरोप तय करते हुए मामले को सुनवाई के लिए मुख्य महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट को भेज दिया।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 03:18 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 03:18 PM (IST)
Delhi riots : कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगे से जुड़े डकैती के मामले में एक और आरोपित को बरी किया , पढ़िए टिप्पणी
Delhi riots : दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अभियोजन की दलील से असहमति जताई।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi riots : दिल्ली दंगे के दौरान न्यू उसमानपुर में घरों को नुकसान पहुंचाने और डकैती डालने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने एक आरोपित को बरी कर दिया। जबकि दूसरे आरोपित पर केवल चोरी कर उस सामान को अपने पास रखने का आरोप तय करते हुए मामले को सुनवाई के लिए मुख्य महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट को भेज दिया। दंगाइयों ने ब्रह्मपुरी गली नंबर-दो में रहने वाली मेहर निगार के घर को नुकसान पहुंचाने के साथ उनकी बेटी के दहेज का सामान व नकदी लूट ली थी। उनके चार किरायेदारों के यहां भी लूटपाट की थी।

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इस मामले में पुलिस ने आरोपित रोहित और अंकुश शर्मा के खिलाफ दंगा करने, सरकारी आदेशों की अवहेलना करने, डकैती डालने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत कई आरोप लगाते हुए आरोपपत्र दायर किया था। बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ता आरएस गोस्वामी ने दलील दी कि उनके मुवक्किल रोहित का घटना में शामिल होने का कोई भी साक्ष्य नहीं है। अंकुश पर भी दंगा करने का आरोप नहीं बनता है। उधर, अभियोजन पक्ष ने इलाके में लगे पीडब्ल्यूडी के सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर से जुटाए फुटेज का हवाला देते हुए रोहित और अंकुश को आरोपित बताया। कहा कि रोहित ने कैमरे भी तोड़े थे। यह भी बताया कि इसमें दो आरोपित फरार चल रहे हैं।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अभियोजन की दलील से असहमति जताई। कोर्ट ने कहा कि आरोपित रोहित के खिलाफ कोई गवाह या इलेक्ट्रानिक साक्ष्य नहीं है। इस बात पर भी उसे आरोपित नहीं माना जा सकता कि वह दूसरी गली में दिखाई दिया, जिसकी घटना स्थल से दूरी विचार करने योग्य है। वह किसी फुटेज में शिकायतकर्ता के घर की तरफ जाता भी नजर नहीं आ रहा।

ऐसे में रोहित को बरी किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि अंकुश के कब्जे से शिकायतकर्ता के घर से चोरी फ्रिज बरामद हुआ है। ऐसे में उस पर केवल चोरी कर उस सामान को अपने पास रखने का आरोप बनता है। दंगा करने या संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप नहीं बनता। इसको लेकर कोई साक्षय भी अदालत में उपलब्ध नहीं कराया गया है।


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