कपिल मिश्रा ने टैंकर घोटाले मामले में ACB में दर्ज कराया बयान
कपिल मिश्रा ने बताया कि आगामी सोमवार को उन्हें एक बार फिर एसीबी में इस मामले को लेकर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। शीला दीक्षित सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए 400 करोड़ रुपये के टैंकर घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) में बृहस्पतिवार को अपना बयान दर्ज करा दिया है। यहां पर बता दें कि कपिल मिश्रा ने हाल ही में केजरीवाल द्वारा 400 करोड़ रुपए के टैंकर घोटाला मामले की जांच में देरी करने का अरोप लगाते हुए एसीबी में शिकायत दर्ज कराई है।
कपिल मिश्रा के मुताबिक, उन्होंने दोपहर 12 बजे एसीबी के कार्यालय में अपने आरोपों को लेकर बयान दर्ज कराए। लगभग डेढ़ घंटे तक दर्ज किए गए बयान के दौरान उन्होंने एसीबी अधिकारियों को अपनी शिकायत से जुड़े तथ्यों की विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि आगामी सोमवार को उन्हें एक बार फिर एसीबी में इस मामले को लेकर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है।
बता दें कि मंत्री पद से हटाए गए कपिल मिश्रा पार्टी से बगावत कर इस समय आप नेताओं की विदेश यात्राओं का ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग को लेकर अनशन कर रहे हैं। अपने घर के बाहर दो दिन से अनशन पर बैठे मिश्रा ने केजरीवाल से आप नेताओं संजय सिंह और राघव चड्ढा सहित अन्य नेताओं की सरकारी खर्च पर विदेश यात्राओं का ब्योरा भी मांगा है।
जानें क्या है टैंकर घोटाला
टैंकर घोटाला मामला साल 2009 से लेकर 2015 के बीच का है. इस दौरान कांग्रेस की सरकार की थी और शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं। 2012 में दिल्ली जल बोर्ड ने 385 स्टील के टैंकर किराए पर लिए थे। उस समय शीला दीक्षित सीएम के साथ ही दिल्ली जल बोर्ड की अध्यक्ष भी थीं। आरोप है कि जो टैंकर लिए गए थे, उसमें करीब 400 करोड़ का घोटाला हुआ था।
हालांकि, शीला दीक्षित लगातार इन आरोपों को बेबुनियाद बताती रही हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक और पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने इस मामले की शिकायत एसीबी में की है। कपिल मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि शीला सरकार में वाटर टैंकर घोटाला हुआ।