तीसरे विद्यापति स्मृति व्याख्यान में कामिनी को मिला 2017 युवा कवि सम्मान
कामिनी को सम्मान उनके कविता संग्रह 'खंड खंड में बंटइत स्त्री' के लिए प्रदान किया गया। इस मौके पर तीनों निर्णायक ने किताब के चयन को लेकर अपनी बातें रखीं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। मैथिली साहित्य महासभा ने मैथिली की युवा कवियित्री कामिनी चौधरी को मैसाम 2017 युवा कवि सम्मान से सम्मानित किया। रविवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित समारोह में अंडमान व निकोबार द्वीप समूह और पांडिचेरी के पूर्व राज्यपाल डॉक्टर नागेंद्र नाथ झा और शांति निकेतन के पूर्व वॉइस चांसलर डॉक्टर उदय नारायण सिंह नचिकेता ने उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।
कामिनी को सम्मान उनके कविता संग्रह 'खंड खंड में बंटइत स्त्री' के लिए प्रदान किया गया। मालूम हो कि मैसाम युवा कवि सम्मान के तहत 25 हज़ार रुपये के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। इस बार इस पुरस्कार के निर्णायक डॉक्टर शेफालिका वर्मा, डॉक्टर देवशंकर नवीन और डॉक्टर श्री धरम थे।
इस मौके पर तीनों निर्णायक ने किताब के चयन को लेकर अपनी बातें रखीं। इस अवसर पर तीसरे विद्यापति स्मृति व्याख्यानमाला में व्याख्यान देते हुए डॉक्टर उदय नारायण सिंह ने आज की संस्कृति और सभ्यता का संकट- मैथिली परिप्रेक्ष्य में विषय पर अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि हमारा देश बहुसंस्कृति वाला देश है, जो हमारे लिए वरदान है। बहुसंख्यकवाद और अल्पसंख्यकवाद में टकराव हमारे देश के लिए खतरा है। इस अवसर पर डॉक्टर नागेंद्र नाथ झा कहा कि मैथिली का विकास ओर मिथिला का विकास आवश्यक है।
कार्यक्रम के आरंभ में मैथिली साहित्य महासभा के अध्यक्ष अमरनाथ झा ने संस्था के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में मंच संचालन कंत शरण ने किया। कार्यक्रम में मिथिला के बालक प्रद्युमन को श्रद्धांजलि भी दी गई।
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