भाप के इंजन वाली ट्रेन में सफर का उठा सकेंगे आनंद, सस्ता होगा टिकट
भाप के इंजन की पहचान परिवहन में क्रांति के तौर पर है, इसलिए विशेष चिह्नित रूट पर इसे चलाने की योजना है। इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि इसका टिकट महंगा नहीं हो।
नई दिल्ली [जेएनएन]। कुछ विशेष रेल मार्गों पर यात्री जल्द ही भाप के इंजन से चलने वाली ट्रेन में सफर का आनंद उठा सकेंगे। रेलवे बोर्ड व भारतीय स्टीम रेलवे सोसाइटी के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने रेल संग्रहालय में आयोजित 15वीं राष्ट्रीय स्टीम कांग्रेस में यह जानकारी दी।
लोहानी ने कहा कि भाप के इंजन की पहचान परिवहन में क्रांति के तौर पर है, इसलिए विशेष चिह्नित रूट पर इसे चलाने की योजना है। इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि इसका टिकट महंगा नहीं हो, जिससे प्रत्येक व्यक्ति इसके सफर का आनंद उठा सके।
पर्यटन में अच्छी संभावनाएं
देश में 1825 में रेल के आगमन से सफर आसान हो गया था। इससे दो स्थानों के बीच की दूरियां कम हो गईं थीं। हमारे देश में यह एक बड़ा आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन था। अब देश में भाप के इंजन का परिचालन लगभग समाप्त हो गया है। लेकिन, पहाड़ी इलाके में इसका परिचालन जारी रखा जाएगा। ऐसे इंजन कला क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ ही आम व्यक्ति को भी आकर्षित करते हैं, इसलिए ऐतिहासिक धरोहर पर्यटन में इसकी अच्छी संभावनाएं हैं।
टॉर्नेडो के निर्माण के बारे में जानकारी
प्रसिद्ध स्टीम इंजन संरक्षक रिचर्ड पेक ने इंग्लैैंड में नए भाप के इंजन टॉर्नेडो के निर्माण के बारे में जानकारी दी। यह इंजन 100 मील प्रति घंटे से भी ज्यादा रफ्तार से चलता है। हेरिटेज ट्रांसपोर्ट संग्रहालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तरुण ठकराल ने संग्रहालय में पुराने भाप के इंजनों के पुनर्निर्माण से संबंधित काम की जानकारी दी।
स्टीम इंजन के मॉडल की प्रदर्शनी
लघु लोकोमोटिव मॉडल निर्माता मोहम्मद इकबाल अहमद द्वारा तैयार किए गए लोकोमोटिव मॉडल और प्रशासनिक अधिकारी रघु द्वारा हाथी के गोबर से तैयार किए गए दार्जिलिंग हिल स्टीम इंजन के मॉडल की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस मौके पर कई रेल अधिकारी व अन्य लोग मौजूद थे।
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