Metro का सफर होगा और आसान, अगर दिल्ली-NCR की कंपनियों ने मानी DMRC की ये सलाह
Delhi Metro Rail Corporation डीएमआरसी का कहना है कि गैर व्यस्त समय में भी मेट्रो व्यस्त समय की तरह चलती रहेगी। फ्रिक्वेंसी कम नहीं होगी इसलिए इसका फायदा उठाएं व भीड़ से बचें।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह की सलाह-सुझाव पर पूरी तरह अमल हुआ तो दिल्ली-एनसीआर की लाइफलाइन में लोगों को सफर आसान हो जाएगा। डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने यात्रियों से कहा कि वे व्यस्त समय में सफर करने से बचें। साथ ही नियोक्ताओं से भी अपील करते हुए कहा कि वे कर्मचारियों को अलग-अलग समय पर बुलाएं, ताकि कर्मचारी व्यस्त समय की बाधा को तोड़कर मेट्रो में सफर कर सकें।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच अब दिल्ली मेट्रो भी पहले की तरह रफ्तार भरने लगी है। सोमवार से दिल्ली मेट्रो के साथ नोएडा-ग्रेटर नोएडा में चलने वाली एक्वा लाइन और गुरुग्राम रैपिड मेट्रो में भीड़ का असर दिखाने देने लगेगा। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए वैसे तो डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल निगम) ने संक्रमण से बचाव के लिए मेट्रो में एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था की है। इसके अलावा कई अन्य कदम भी उठाए हैं। फिर भी यदि व्यस्त समय में यात्रियों की संख्या बढ़ी तो परेशानियां भी बढ़ेगी। इसके मद्देनजर डीएमआरसी भी नहीं चाहता कि व्यस्त समय में मेट्रो में भीड़ बढ़े, इसलिए
उन्होंने कहा कि मेट्रो की सेवा सभी लाइनों पर सामान्य रूप से शुरू हो गई है, लेकिन शारीरिक नियम की दूरी के पालन के लिए मेट्रो की क्षमता काफी कम हो गई है। पहले एक कोच में 250 से 300 यात्री सफर करते थे। अब यह संख्या 50 तक सीमित कर दी गई है। इससे अधिक यात्रियों को एक कोच में सफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस वजह से मेट्रो में तय संख्या के अनुसार यात्रियों के मौजूद होने पर कई स्टेशनों पर यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है कि वहां मौजूद यात्रियों को दूसरी या तीसरी मेट्रो का इंतजार करना पड़े, इसलिए अनुरोध है कि अपनी यात्रा इस तरह प्लान करें कि व्यस्त समय से बच सकें।
यात्री ऐसा करेंगे तो डीएमआरसी बेहतर सुविधा उपलब्ध करा पाएगी। नियोक्ताओं से भी अनुरोध है कि वे कार्यालय के समय में थोड़ा बदलाव करें और कर्मचारियों को अनुमति दें कि वे मेट्रो में व्यस्त समय में सफर करने से बच सकें व गैर व्यस्त समय में भी मेट्रो में सफर कर ड्यूटी पर पहुंच सकें। गैर व्यस्त समय में भी मेट्रो व्यस्त समय की तरह चलती रहेगी। फ्रिक्वेंसी कम नहीं होगी, इसलिए इसका फायदा उठाएं व भीड़ से बचें।
उन्होंने कहा कि लोग अभी यह न समझें कि सब कुछ सामान्य हो गया। यदि जो लोग वर्क फ्रॉम होम कर सकते हैं तो वे उसे लागू रखें।उल्लेखनीय है कि सुबह दफ्तर के समय और शाम को छुट्टी के वक्त मेट्रो में भीड़ अधिक होती है। कोरोना से पहले मेट्रो में प्रतिदिन करीब 28 लाख यात्री सफर करते हैं।
डीएमआरसी के अनुसार यह देखा गया है कि व्यस्त समय में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या गैर व्यस्त समय के मुकाबले दो-तीन गुना अधिक होती है। डीएमआरसी पहले भी ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली में ऑफिस के समय में बदलाव करने का मामला उठा चुका है। अब कोरोना से बचाव के लिए एक बार फिर यह सुझाव दिया है।
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