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देश विदेश तक JNU की शिक्षा का माना जाता है लोहा, दिए हैं नामी गिरामी चेहरे

जवाहर लाल नेहरू यूनिर्विसिटी ने देश को कई नामी-गिरामी चेहरे दिए हैं जिनकी आज अपने फील्ड में पहचान है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 05:35 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 08:33 AM (IST)
देश विदेश तक JNU की शिक्षा का माना जाता है लोहा, दिए हैं नामी गिरामी चेहरे
देश विदेश तक JNU की शिक्षा का माना जाता है लोहा, दिए हैं नामी गिरामी चेहरे

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। दिल्ली के अलग-अलग इलाके पढ़ाई के अलग-अलग विषयों के लिए जाने जाते हैं। दिल्ली यूनिर्विसिटी के कई कॉलेज भी विषय विशेषज्ञ की पढ़ाई के लिए जाने जाते हैं। आइआइटी दिल्ली, एम्स, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज जैसी तमाम संस्थाएं है जिनकी अपनी अलग पहचान है। कुछ इसी तरह से तमाम बौद्धिक, अर्थशास्त्री पैदा करने के मामले में जवाहर लाल नेहरू का नाम आता है मगर बीते कुछ सालों में जेएनयू(Jawaharlal Nehru University) में कई ऐसी घटनाएं हुई जिसके कारण इस प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान का नाम खराब हो रहा है। पढ़ाई करने के लिए आने वाले स्टूडेंट्स के सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने, देश के खिलाफ नारे लगाने, फीस बढ़ोतरी के लिए संसद तक मार्च करने जैसी कई घटनाएं हुई हैं जिससे जेएनयू के नाम पर असर पड़ा है।

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आइए कुछ ऐसे ही नामों के बारे में जानते हैं जिन्होंने जेएनयू से पढ़ाई की और एक अलग मुकाम बनाया है। देश के चुनिंदा लोगों में इनके नाम शामिल है।

निर्मला सीतारमण

भारत की वर्तमान वित्त मंत्री और पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री रहीं निर्मला सीतारमण जेएनयू से ही पढ़ी हुई हैं। उन्होंने यहां से अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। भाजपा में कुछ चुनिंदा महिला नेता है जिनको बड़ी जिम्मेदारी दी जाती है। इसमें उनका भी नाम है।

सीताराम येचुरी

लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने जेएनयू(जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय) से अर्थशास्त्र में मास्टर्स किया है। उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी में दाखिला लिया लेकिन आपातकाल के दौरान गिरफ्तारी हो जाने की वजह से वो पीएचडी पूरी नहीं कर पाए। उन्होंने यहां दाखिला तो लिया था मगर उनकी पीएचडी पूरी नहीं हो पाई।

योगेंद्र यादव

एक समय था जब आम आदमी पार्टी में प्रोफेसर योगेंद्र यादव की महती भूमिका होती थी, उनको पार्टी का थिंक टैंक कहा जाता था। पार्टी के शुरू होने और दिल्ली पर राज करने तक उन्होंने इसके लिए काफी काम भी किया। प्रोफेसर योगेंद्र यादव भी जेएनयू से ही पढ़े हैं, उन्होंने 1981 से 1983 तक जेएनयू में पढ़ाई की थी। उसके बाद वो एक राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर कई टीवी चैनलों पर नजर आते थे।

एस जयशंकर

एस जयशंकर ने भी जेएनयू से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डॉक्टरेट की पढ़ाई की है। वो भारत के विदेश सचिव भी रह चुके हैं, इन दिनों वो विदेश मंत्री के पद पर काम कर रहे हैं।

बाबूराम भट्टाराई

क्या आपको पता है कि पड़ोसी देश नेपाल के प्रधानमंत्री रहे बाबूराम भट्टाराई का भी दिल्ली के जेएनयू से संबंध रहा है। वो यहां पढ़ाई कर चुके है। वो 2011 से 2013 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं।

अभिजीत बनर्जी

अभिजीत बनर्जी ने जेएनयू से 1983 में अर्थशास्त्र में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी। वो यहां छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे। इस दौरान उनको एक बार जेल भी जाना पड़ा था। साल 2019 में उनको अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है।

अमिताभ कांत

अमिताभ कांत ने जेएनयू से मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। जब मोदी सरकार में योजना आयोग की जगह नीति आयोग का गठन किया गया था तो अमिताभ को ही नीति आयोग का सीइओ बनाया गया।

अली जैदान

जेएनयू में विदेशी छात्र भी बड़ी संख्या में पढ़ने के लिए आते हैं, ऐसे ही एक स्टूडेंट का नाम है अली जैदान। अली जैदान जेएनयू से पढ़ने के बाद सीरिया चले गए थे, वहां वो 2012 से 2014 तक सीरिया के प्रधानमंत्री भी रहे।

अब्दुल सत्तार मुराद

जेएनयू में पढ़ाई का एक अलग ही स्तर है, इसी के साथ राजनीति करने वालों की भी यहां कमी नहीं है। जेएनयू से जहां देशी विदेशी मामलों के जानकार निकलते हैं वहीं यहां से आर्थिक मामलों के जानकारी रखने वालों की भी कमी नहीं होती है। जेएनयू से ही अब्दुल सत्तार ने भी पढ़ाई की थी। वो इन दिनों अफगानिस्तान के आर्थिक मामलों के मंत्री हैं। उन्होंने 1976 में राजनीति शास्त्र में जेएनयू से बैचलर डिग्री ली थी।  


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