JNUSU अध्यक्ष आयशी घोष समेत 12 छात्रों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जेएनयू ने किया तलब
लाइब्रेरी इंचार्ज ने छात्रों से मुलाकात की एवं गुजारिश की कि वो जल्द से जल्द लाइब्रेरी से बाहर चलेे जाएं। लेकिन छात्र रीडिंग रूम से निकलने को राजी ही नहीं हुए। अब जेएनयू प्रशासन ने छात्रों को नोटिस जारी कर पेश होने के लिए कहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ(जेएनयूएसयू) अध्यक्ष आयशी घोष समेत 12 छात्रों की मुश्किलें बढ़ सकती है। जेएनयू प्रशासन छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है। इनपर सुरक्षाकर्मियों संग धक्का मुक्की, सेंट्रल लाइब्रेरी में जबरन प्रवेश, कोरोना संक्रमण रोकने के लिए परिसर में लागू कोविड-19 प्रोटोकाल तोड़ने का आरोप लगा है। जेएनयू ने छात्रों को एक नोटिस जारी कर 13 अप्रैल को प्राक्टोरियल कमेटी के समक्ष प्रस्तुत होने को कहा है।
मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने छात्रों की शिकायत जेएनयू प्रशासन से की थी। जिसमें कहा गया है कि 10 मार्च को जेएनयूएसयू के नेतृत्व में सेंट्रल लाइब्रेरी खोलने की मांग करते हुए प्रदर्शन आयोजित किया गया था। जिसमें 60 से 70 छात्र शामिल हुए। छात्र लाइब्रेरी इंचार्ज से मिलने की जिद कर रहे थे। इंचार्ज जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष समेत चार प्रतिनिधियों से मिलने को राजी भी हो गए। लाइब्रेरी में प्रवेश के दौरान ये पांचों प्रतिनिधि दरवाजे पर खड़े हो गए एवं बाकि छात्रों को प्रवेश करने दिया। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों संग धक्कामुक्की भी की।
लाइब्रेरी इंचार्ज ने छात्रों से मुलाकात की एवं गुजारिश की कि वो जल्द से जल्द लाइब्रेरी से बाहर चलेे जाएं। लेकिन छात्र रीडिंग रूम से निकलने को राजी ही नहीं हुए। अब जेएनयू प्रशासन ने छात्रों को नोटिस जारी कर पेश होने के लिए कहा है। नोटिस में कहा गया है कि छात्र अपने समर्थन में सबूत पेश कर सकते हैं। यदि कोई छात्र पेश नहीं होगा तो यह मान लिया जाएगा कि उसके पास कहने को कुछ नहीं है और उनकी अनुपस्थिति में ही निर्णय ले लिया जाएगा।
बता दें कि आयशी घोष इन दिनों चुनाव प्रचार में व्यस्त है। वो पं बंगाल के जमुड़िया सीट से चुनाव लड़ रही है। जहां 26 अप्रैल को मतदान होगा। चुनाव से पहले विवि प्राक्टोरियल कमेटी के सम्मुख पेश होने को लेकर संशय है। हालांकि इस बात में आयशी घोष का पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो पायी।