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JNU ने SC-ST वर्ग के छात्रों एवं शिक्षकों के खिलाफ भेदभाव की रिपोर्ट को किया खारिज

JNU ने SC- ST वर्ग के छात्रों एवं शिक्षकों के खिलाफ भेदभाव की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। प्रशासन ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 08:01 AM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 08:21 AM (IST)
JNU ने SC-ST वर्ग के छात्रों एवं शिक्षकों के खिलाफ भेदभाव की रिपोर्ट को किया खारिज
JNU ने SC-ST वर्ग के छात्रों एवं शिक्षकों के खिलाफ भेदभाव की रिपोर्ट को किया खारिज

नई दिल्‍ली, एएनआइ। JNU ने SC- ST वर्ग के छात्रों एवं शिक्षकों के खिलाफ भेदभाव की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। प्रशासन ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अकादमिक व्यवस्था पटरी पर लौट रही है। जेएनयू प्रशासन की निगरानी में कुछ केंद्रों की तरफ से बीते मानसून सेमेस्टर (जुलाई से दिसंबर 2019) की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए नया कार्यक्रम भी जारी किया जा रहा है। जिसे पूरा करने के बाद छात्रों का शीतकालीन सेमेस्टर शुरू हो जाएगा। छात्रों का मानना है कि इस संस्थान को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। छात्र अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए एक साथ हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता पढ़ाई भी है।

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21 जनवरी से होंगी परीक्षाएं

जेएनयू के सेंटर ऑफ इंडियन लैंग्वेज की तरफ से मॉनसून सेमेस्टर प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 21 जनवरी से परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। छात्रों के अनुसार, वह दिसंबर में इस सेमेस्टर की परीक्षाएं आंदोलन के कारण नहीं दे पाए थे। अब इसे पूरा करने के बाद शीतकालीन सेमेस्टर की पढ़ाई छात्र शुरू कर देंगे।

इधर हिंदी साहित्य एमए प्रथम वर्ष की छात्र संस्कृति ने बताया कि मैं मध्य प्रदेश के श्योपुर की रहने वाली है। अपने जिले से पहली लड़की हूं जिसने जेएनयू तक का सफर तय किया है। मेरे लिए पढ़ाई बहुत ज्यादा मायने रखती है। जेएनयू में 90 फीसद छात्र सिर्फ पढ़ना चाहते हैं। संस्थान में स्थिरता बन रही है। काफी सारे छात्रों की शीतकालीन सेमेस्टर की कक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाली हैं। सभी छात्र राजनीति करने नहीं आए हैं। वह पढ़ने आए हैं। अब छात्र यही चाहते हैं कि उनका समय व्यर्थ ना जाए और वे पढ़ाई करें।

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वहीं स्पैनिश लैंग्वेज बीए तीसरा वर्ष के छात्र विनय कुमार जेएनयू का राजनीतिकरण किया जा रहा है, यह ठीक नहीं है। सिर्फ किताबों के जरिये ही पढ़ाई नहीं होती है बल्कि छात्र समाज के विभिन्न पहलुओं को समझकर भी काफी जानकारी हासिल करते हैं। बाहर के लोगों की तरफ से जेएनयू में राजनीति को बढ़ावा दिया जाता है। यह ठीक नहीं है।

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