कन्हैया कुमार समेत 15 छात्रों को HC से बड़ी राहत, JNU प्रशासन को लगा बड़ा झटका
संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ 9 फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई विवादास्पद घटना के मामले में जेएनयू प्रशासन द्वारा पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत 14 छात्रों पर की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को रद कर दिया है। न्यायमूर्ति वीके राव ने कहा कि जेएनयू छात्रों को रिकॉर्ड देखने का मौका देने के बाद मामले की नए सिरे से सुनवाई करे।
कोर्ट ने जेएनयू के अपीलीय प्राधिकरण को विद्यार्थियों की सुनवाई के छह सप्ताह के भीतर तर्कसंगत आदेश देने के भी आदेश दिए।
बता दें उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने याचिका में कहा था कि विश्वविद्यालय ने उन्हें अनुशासनहीनता के आरोप के खिलाफ खुद को बचाने का मौका नहीं दिया।
उनकी दलीलों में छात्रों ने भी उनकी सजा को चुनौती दी थी, जो कुछ सेमेस्टर के लिए छात्रावास की सुविधा वापस लेने को लेकर है।
विश्वविद्यालय के अपीलीय प्राधिकरण ने उमर खालिद पर दिसंबर तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया था, जबकि भट्टाचार्य को पांच साल के लिए विश्वविद्यालय से बाहर रहने को कहा गया था।
ज्ञात हो कि संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ 9 फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में राष्ट्र विरोधी नारे लगाए गए थे।
इस प्रकरण में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को देशद्रोह मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी। हालांकि, पुलिस ने अब तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया है।