12 साल पहले दिल्ली में तबाही मचाने आया था अब्दुल मुजीद, पढ़िए- फिर कैसे पकड़ा गया
शाहिद 1998-2002 के बीच दो बार कोटा व पुंछ के रास्ते भारत में प्रवेश कर चुका था। सात अगस्त 2013 को निचली अदालत ने शाहिद को सजा सुनाई थी
नई दिल्ली, जेएनएन। जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी अब्दुल मुजीद बाबा की गिरफ्तारी को दिल्ली पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है। डीसीपी स्पेशल सेल संजीव कुमार यादव के मुताबिक, चार फरवरी 2007 को स्पेशल सेल के जांबाज इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा (बाद में शहीद हो गए) को सूचना मिली थी कि जैश-ए-मुहम्मद के कुछ आतंकी दिल्ली दहलाने की साजिश रच रहे हैं। यह आतंकी विस्फोट पदार्थों के साथ डीडीयू मार्ग पर रंजीत सिंह फ्लाईओवर के नीचे आने वाले हैं।
इसके बाद सेल की टीम ने मुठभेड़ के बाद सियालकोट पाकिस्तान निवासी शाहिद गफ्फूर, बारामुला जम्मू कश्मीर के बशीर अहमद पोन्नू, कुपवाड़ा जम्मू कश्मीर के फैयाज अहमद लोन व सोपोर श्रीनगर के अब्दुल मुजीद बाबा को गिरफ्तार कर लिया था। इनके पास से तीन किलो विस्फोटक पदार्थ, चार नॉन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, एक टाइमर, 6 हैंडग्रेनेड, एक स्टार पिस्टल, एक मैग्जीन और दो कारतूस, 50 हजार नगदी व 10 हजार यूएस डॉलर मिले थे। शाहिद 1998-2002 के बीच दो बार कोटा व पुंछ के रास्ते भारत में प्रवेश कर चुका था।
सात अगस्त 2013 को निचली अदालत ने शाहिद को सजा सुनाई थी, जबकि अब्दुल समेत अन्य तीनों को बरी कर दिया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने 2014 को निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए तीनों को सजा सुना दी थी। सजा मिलने पर तीनों ने तिहाड़ जेल में समर्पण नहीं किया और फरार हो गए। इस पर कोर्ट ने इनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। सेल की टीम लगातार इनकी तलाश कर रही थी।
बीते 25 मार्च को सेल ने कोठीबाग, श्रीनगर से फैयाज अहमद लोन को दबोच लिया था। इसके बाद 11 मई को सेल को सूचना मिली कि अब्दुल मुजीद शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट मेडिकल साइंसेस हॉस्पिटल, सोपोर आने वाला है। इसके बाद सेल की टीम ने घेराबंदी कर उसे दबोच लिया। सेल की टीम अब फरार चल रहे तीसरे आतंकी बशीर अहमद पोन्नू की तलाश कर रही है।
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